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बंधुआ मजदूरी रोकने के लिए बनी कमेटी बनी फाइल का श्रृंगार

प्रेम शर्मा, मोगा कहने को तो सरकार द्वारा जनहित में योजनाएं व नोटीफिकेशन जारी किए जा रहे है। लेकिन

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)
बंधुआ मजदूरी रोकने के लिए बनी कमेटी बनी फाइल का श्रृंगार

प्रेम शर्मा, मोगा

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कहने को तो सरकार द्वारा जनहित में योजनाएं व नोटीफिकेशन जारी किए जा रहे है। लेकिन अधिकतर फाइलों का ही श्रृंगार बनने से लोगों को इनका कोई लाभ नहीं मिल रहा। ऐसा ही मामला है बंधुआ मजदूरी रोकने के लिए सरकार द्वारा नोटीफिकेशन जारी कर जिला मैजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बनाई जिला स्तरीय सलाहकार कमेटी का है। जिसकी गत 15 माह से कोई बैठक ही नहीं हुई है। इससे मई दिवस पर मजदूरों के प्रति सरकार के रवैये की पोल खुल रही है।

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जान पहचान तक ही सीमित रही कमेटी की एकमात्र बैठक

जानकारी के अनुसार एसडीएम मोगा द्वारा दो सितंबर 2014 को अधिकारियों तथा समाजसेवियों व गणमान्य को पत्र जारी कर कहा गया था कि सरकार द्वारा बंधुआ मजदूर रोकने को लेकर डिवीजन स्तर पर विजिलेंस कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें डीडीपीओ मोगा, जिला मंडी अफसर, पंजाब एंड ¨सध बैंक के लीड बैंक मैनेजर समेत रविन्द्र गोयल, एसके बांसल एनजीओ कोऑडिनेटर, गुर¨मदरजीत ¨सह बबलू, राजेश कुमार संगेलिया, जगराज ¨सह धर्मकोट व स्वर्ण कौर जनेर को इसका मेंबर बनाया गया था। इसको लेकर सरकार ने 17 अप्रैल 2014 को नोटीफिकेशन भी जारी किया था। जिससे चंडीगढ़ से कमेटी मैंबरों को सुचित करने का सफर लगभग पांच माह में तय हुआ। यही नहीं इसके लिए बैठक बुलाने में भी प्रशासन को लगभग पांच माह लग गए। एडीसी द्वारा 13 जनवरी 2015 को पत्र जारी कर सभी सदस्यों को 20 जनवरी 2015 को डीसी कम जिला मैजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली बैठक में पहुंचने को पत्र जारी किया गया। लेकिन यह बैठक भी चाय पानी व जान पहचान तक सीमित रह गई। सवा साल बीत जाने के बावजूद कमेटी की कोई बैठक न होना प्रशासन की कार्रवाई दर्शाती है।

कमेटी से भट्ठा मजदूरों द्वारा की जाने वाली शिकायतों का स्थानीय स्तर पर ही निपटारा करने के अलावा उनकी सुनवाई होने में मदद मिलनी थी। जिससे उनके पैदा होने वाले विवादों पर रोक लग सकती। लेकिन कमेटी की बैठक न होने से कोई फायदा नहीं हो सका

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इंटक के जिला प्रधान ने कहा, कमेटी तभी सार्थक जब समय पर हो बैठक

इंटक के जिला प्रधान एडवोकेट विजय धीर ने कहा कि मजदूर हित में बनी कमेटियां तभी लाभप्रद है अगर समय पर उनकी बैठक बुलाकर ज्वलंत मसलों व समस्याओं का निपटारा किया जाए। लेकिन सवा साल तक कमेटी की बैठक न होना सरकार के आदेशों की अवहेलना कही जाएगी। जिसकी जितनी ¨नदा की जाए कम है। यही नहीं कमेटियों में उन सदस्यों को लिया जाए जो संबंधित व्यवसाय से जुड़े हुए हो।

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जल्द बुलाएंगे बैठक : डीसी

डीसी कुलदीप ¨सह वैद्य का कहना है कि जिला मैजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बनाई जिला स्तरीय लेबर सलाहकार कमेटी की बैठक अभी तक न होने संबंधी मामला अभी उनके ध्यान में लाया गया है। वह जल्द ही कमेटी की बैठक बुलाने की कार्रवाई अमल में लाएंगे। जिससे बनी कमेटी अपने मंतव्य को पूरा कर सके।


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