जब्त खोया बर्फी एक माह बाद भी नहीं की नष्ट
प्रेम शर्मा, मोगा प्रशासन द्वारा दीपावली से पहले 19 अक्टूबर को कोल्ड स्टोरों पर छापामारी कर जब्त क
प्रेम शर्मा, मोगा
प्रशासन द्वारा दीपावली से पहले 19 अक्टूबर को कोल्ड स्टोरों पर छापामारी कर जब्त किए गए खोया बर्फी के सैंपल में कीड़े-मकौड़े, सिर के बाल, स्क्रीन व प्लास्टिक के रेशे पाए जाने के बावजूद इसे एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी नष्ट नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि सेहत विभाग द्वारा संबंधित हलवाइयों को 20 अक्टूबर को सैंपल फेल आने के बाद इस बारे में किसी अन्य लैब से जांच करवाने के लिए विभागीय नियम के तहत नोटिस निकालने में हुई देरी के चलते यह मामला अधर में लटका हुआ है। ऐसे में सैंपल फेल पाए जाने पर हलवाइयों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई में भी देरी हो रही है।
गौर हो कि दीपावली से छह दिन पहले डीसी के निर्देश पर मिलावटखोरों व सेहत के लिए नुकसानदायक खाद्य पदार्थो की बिक्री के खिलाफ एसडीएम मोगा सुरिन्द्र कौर ने खुद कमान संभाली थी। इसके तहत शहर के कोल्ड स्टोरों में पड़े खोया बर्फी के सैंपल लेकर लगभग 60 क्िवटल खोया जब्त किया गया था। इसके सैंपल की रिपोर्ट एसडीएम सुरेन्द्र कौर के निजी प्रयास द्वारा 24 घंटे के भीतर 20 अक्टूबर को मंगवाई गई थी। इसमें एसडीएम ने खुलासा किया था कि उनके द्वारा डीएचओ डॉ. सुनील अग्रवाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अभिनव खोसला के साथ राना कोल्ड स्टोर व न्यू प्लाहा कोल्ड स्टोर पर छापामारी कर लगभग 60 क्विंटल खोया बर्फी जब्त किया था। इसकी जांच के बाद सात सैंपल फेल पाए गए थे। खोया बर्फी में मरे हुए कीडे-मकौड़े, सिर के बाल, स्क्रीन सहित प्लास्टिक के रेशे भी पाए गए हैं।
डीएचओ डॉ. सुनील अग्रवाल व खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अभिनव खोसला ने बताया था कि जब्त किए गए खोया को दो दिन बाद यानी 22 अक्टूबर को एडीसी की अगुआई में नष्ट किया जाएगा। मगर, अफसोस यह है कि एक माह बीतने के बावजूद खोया बर्फी अभी तक कोल्ड स्टोर का श्रृंगार बनी हुई है।
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'विभाग द्वारा पांच नवंबर को सहगल स्वीट, कृष्णा स्वीट, गिल स्वीट, प्रेम दी हट्टी, सैनी स्वीट, अरोड़ा स्वीट आदि को सैंपल फेल के नोटिस जारी कर अपने खोया बर्फी के सैंपलों की पुन: जांच एक माह के भीतर करवाने अन्यथा अदालती कार्रवाई अमल में लाए जाने की हिदायत दे दी है।'
-डॉ. अभिनव खोसला, खाद्य सुरक्षा अधिकारी।
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'विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस देरी से मिले हैं। ऐसे में आगामी दिनों में सैंपलों की पुन: जांच करवाएंगे, ताकि असलियत सामने आ सके।'
-राकेश कंबोज, हलवाई कम स्वीट हाउस यूनियन प्रधान।