निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों की कार्यशैली की हो जांच: भाकियू
जासं, मोगा भाकियू नेता दर्शन सिंह रौली ने नशा छुड़ाने वाले प्राइवेट केंद्रों में हो रही मौतों को ले
जासं, मोगा
भाकियू नेता दर्शन सिंह रौली ने नशा छुड़ाने वाले प्राइवेट केंद्रों में हो रही मौतों को लेकर इन केंद्रों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। यही नहीं जिस प्रकार से इन केंद्रों में उत्पीड़न से मौत के मामले सामने आ रहे हैं, उससे इन केंद्रों की कार्यशैली शक के घेरे में आ गई है।
रौली का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ चलाई मुहिम के चलते अभिभावकों द्वारा अपने युवकों को पुलिस की गिरफ्त से बचाने के लिए प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्रों में कहने को तो उपचार के लिए दाखिल करवाया जाता है, लेकिन इन केंद्रों में दाखिल युवकों का उत्पीड़न व उनकी मौत के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। मोगा के रौली गांव के नशा छोड़ने गए युवक की हिमाचल के राजा खासा में चलाए जा रहे अवैध सेंटर में हुई मौत ने इन नशा छुड़ाओ केंद्रों की पोल खोल दी है। जिसमें युवक को लाठियां मारने के उपरांत उसके शव को खुर्द-बुर्द कर दिया गया। हालांकि इस मामले में अभिभावकों ने अपने बच्चे को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए नशा छुड़ाओ केंद्र भेजा था।
यही नहीं इससे पहले गांव घल्लकलां में चलाए जा रहे नशा छुड़ाओ केंद्र में 22 युवकों को अमानवीय ढंग से नशा छुड़ाने के नाम पर एक ही कमरे में दोहरे तालों में रखने का मामला सामने आया था। यही नहीं गांव खोसा पांडों में भी नशा छोड़ने आए युवक गुरलाल सिंह से की गई मारपीट का खुलासा होने पर केंद्र प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जबकि गांव चड़िक में भी नशा छोड़ने के लिए दाखिल बीस युवक मारपीट से परेशान होकर केंद्र छोड़ भाग गए थे। इन कथित केंद्रों में दाखिल लगभग तीन साल में पांच युवकों की इलाज के नाम पर मारपीट से मौत होने के खुलासे से प्रशासन को इनकी कार्यशैली की उच्चस्तरीय जांच करनी चाहिए।