विजिलेंस अधिकारी ने सिविल सर्जन कार्यालय में दी दबिश
जेएनएन, मोगा सरकारी अस्पताल में शुक्रवार सुबह सिविल सर्जन कार्यालय में चंडीगढ़ से सेहत विभाग की
जेएनएन, मोगा
सरकारी अस्पताल में शुक्रवार सुबह सिविल सर्जन कार्यालय में चंडीगढ़ से सेहत विभाग की एसएमओ विजिलेंस ने लोकल विजिलेंस के साथ दबिश दी। इस दौरान अस्पताल में हड़कंप मच गया। टीम ने सिविल सर्जन कार्यालय के हाजिरी रजिस्टर की जांच करने समेत जन्म व मृत्यु का रिकॉर्ड कब्जे में लेने के बाद एसएमओ कार्यालय में जाकर डाइट रिकॉर्ड की भी जांच की।
इस संबंध में डीएसपी विजिलेंस सुरेंद्र कुमार ने बताया कि हेडक्वार्टर चंडीगढ़ से सेहत विभाग की एसएमओ विजिलेंस डॉ. रेणू सिंह शुक्रवार की सुबह मोगा पहुंची। पहुंचते ही जन्म मौत का कार्यालय घेर लिया तथा इस दौरान वहां न तो किसी को जाने दिया गया और न ही किसी को बाहर आने दिया गया। इस दौरान मोगा विजिलेंस के इंस्पेक्टर समेत चार मुलाजिमों ने जन्म मौत के रिकॉर्ड वाले कमरे की जांच की।
जहां से 2000 जन्म सर्टिफिकेट जारी करने वाले रजिस्टर की जांच की गई। इसके बाद उन्होंने टीम को छह साल का रिकॉर्ड कब्जे में लेने के आदेश दिए। जिस पर विजिलेंस विभाग ने साल 2008 से लेकर 2013 तक का रिकॉर्ड कब्जे में लिया।
इसके बाद टीम एसएमओ कार्यालय पहुंची वहां पर उन्होंने गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में दी जाने वाली डाइट के रिकॉर्ड की जांच की। डीएसपी ने बताया कि जन्म मृत्यु विभाग से कब्जे में लिया गया रिकॉर्ड चंडीगढ़ ले गए, जबकि डाइट के रिकॉर्ड की जांच वह खुद करेंगे।
दूसरी ओर डॉ. रेणू सिंह ने बताया कि उन्होंने शिकायत के आधार जन्म सर्टिफिकेट का रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। इस रिकॉर्ड की जांच में दस से 15 दिन लगेंगे। अगर इसमें कुछ गडबड़ी पाई गई तो ज्यादा दिन तक जांच चल सकती है।