हेड कांस्टेबल ने एके-47 से मनाई दीपावली, गिरफ्तार
संवाद सहयोगी, मोगा पुलिस लाइन स्थित असलहा कोष के इंचार्ज हेड कांस्टेबल ने सरकारी एके-47 से दीपावल
संवाद सहयोगी, मोगा
पुलिस लाइन स्थित असलहा कोष के इंचार्ज हेड कांस्टेबल ने सरकारी एके-47 से दीपावली मनाई। इसका खुलासा तब हुआ जब उसने एके-47 को असलहा शाखा में जमा करने के लिए अपने किशोर बेटे के हाथ भेज दिया। सिटी वन पुलिस ने हेड कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। जांच के बाद आरोपी को सस्पेंड कर दिया गया है।
डीएसपी हेडक्वार्टर गुरप्रीत सिंह ने बताया कि आइटीआइ स्थित पुलिस लाइन में असलहा कोष का इंचार्ज हेड कांस्टेबल कुलविंदर सिंह दीपावली की रात को ड्यूटी खत्म करके घर जाते समय एके-47 राइफल अपने साथ ले गया। इसके बाद शराब के नशे में उसने घर की छत पर जाकर एक के बाद एक 75 हवाई फायर किए। बताया जा रहा कि इससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था।
यही नही शुक्रवार की सुबह कुलविंदर सिंह ने खुद एके-47 राइफल जमा करवाने के बजाय अपने किशोर बेटे के हाथ भेज दी। जैसे ही उसका बेटा पुलिस लाइन में असलहा लेकर पहुंचा वहां मौजूद पुलिस लाइन इंचार्ज रंजीत सिंह ने देख लिया। इसके बाद किशोर को बुलाकर उससे एके- 47 राइफल लेकर रख ली। उन्होंने मामले की सूचना सीनियर पुलिस अधिकारियों को देने समेत लिखित शिकायत भी दी।
मामले की जांच का जिम्मा सीनियर पुलिस अधिकारियों ने डीएसपी हेडक्टवार्टर गुरप्रीत सिंह को सौंप दिया। जांच के दौरान एके-47 राइफल के खाली खोल हेड कास्टेबल के घर की छत व गली से बरामद करने के बाद उसके खिलाफ चोरी, गबन व गोलियां चलाकर दहशत फैलाने के आरोप में केस दर्ज कर दिया गया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
हो सकती है उम्रकैद
एडवोकेट नवीन गोयल ने बताया कि अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो आरोपी पुलिस मुलाजिम कुलविंदर सिंह को धारा 406 के लिए तीन साल सजा, 409 में दस साल से लेकर उम्रकैद और 336 के तहत तीन महीने की सजा और 250 रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है।
पहली पत्नी की मौत के बाद की दूसरी शादी
सूत्रों के अनुसार, हेड कांस्टेबल कुलविंदर सिंह आइटीआइ के सामने स्थित शहीद भगत सिंह नगर में अपने परिवार के साथ रहता है। परिवार में दूसरी पत्नी के अलावा बेटी एवं बेटा हैं। कुलविंदर को पहली पत्नी से एक लड़का व लड़की हुए। पत्नी की वर्ष 1998 में अचानक मौत हो गई। उस समय बेटे व बेटी की उम्र क्रमश: करीब 3 साल व 3 महीने थी। बेटी को कुलविंदर ने अपनी मां के पास रख छोड़ा ताकि उसकी देखभाल हो सके और बेटा अपनी बेऔलाद मौसी को दे दिया था। पहली पत्नी की मृत्यु को बमुश्किल कुछ माह बीते थे कि कुलविंदर ने दूसरी शादी कर ली। उसके बाद बेटी को अपने पास रखकर देखभाल करने लगा। दूसरी बीवी से उसे बेटा हुआ जो नाबालिग है, जिसके हाथों हथियार भिजवाया गया था। बेटा किस जमात में पढ़ रहा है, इसके बारे में पता नहीं चल सका और बेटी की शादी कर दी गई है।