जिला उद्योग केंद्र का डिप्टी जनरल मैनेजर रिश्वत लेते काबू
जेएनएन, मोगा
गैर कानूनी ढंग से रेत निकालने के मामले मे फंसे एक व्यक्ति का केस रफादफा करने के एवज में 15 हजार की रिश्वत मांगने वाले जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी जरनल मैनेजर को सोमवार दोपहर को विजिलेंस ने पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। जानकारी के अनुसार गांव कैला निवासी मेजर सिंह पुत्र निरबैर सिंह ने बताया कि तीन अगस्त 2014 को उसके खिलाफ थाना धर्मकोट में अवैध ढंग से रेत निकालने का मामला दर्ज हुआ था। उस मामले में जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी जरनल मैनेजर रणजोध सिंह ने कुछ दिन पहले उनके पड़ोसी को फोन कर उससे बात करवाने के लिए कहा। जिस पर उसने अधिकारी से फोन पर बात करने पर उसने उसे अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया। जैसे ही वह उसके कार्यालय पहुंचा तो उक्त अधिकारी ने उसके खिलाफ दर्ज केस को रफादफा करने के एवज में 50 हजार की रिश्वत मांगी। यही नहीं रणजोध सिंह ने उसे धमकी देते हुए कहा था कि अगर उसने उसकी बात नहीं मानी तो वह उसकी दो एकड़ जमीन बिकवा देगा। इस पर उसने अधिकारी के आगे अपनी आर्थिक तंगी का रोना रोया। जिस पर उन दोनों में 15 हजार में सौदा तय हो गया था। जिसके तहत 19 सितंबर को पहली किश्त के रूप में पांच हजार रुपये दिए थे। जबकि दूसरी किश्त सोमवार को देनी थी। इस दौरान उसने सुबह विजिलेंस विभाग को लिखित शिकायत दी। जिस पर उसने विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार जैसे ही फोकल प्वाइंट स्थित जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी जरनल मैनेजर को उसके कार्यालय में जाकर पांच हजार की रिश्वत दी। इतने में विजिलेंस के डीएसपी सुरेंद्र कुमार की अगुआई में टीम ने रणजोध सिंह के पास से रिश्वत के पांच हजार रुपये बरामद कर उसे मौके पर गिरफ्तार कर ब्यूरो कार्यालय लाया गया।
डीएसपी विजिलेंस ने बताया कि शिकायतकर्ता मेजर सिंह निवासी गांव कैला ने जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी जरनल मैनेजर रणजोध सिंह के खिलाफ लिखित देने के उपरांत उनकी टीम ने अधिकारी पर ट्रैपिंग लगाकर सोमवार की दोपहर को पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि पीडि़त आज दूसरी किश्त देने गया था। जबकि तीसरी किश्त 30 सितंबर को देने थे।