रनियां में फैला डायरिया, दो की मौत
संस, मोगा
गांव रनियां की दलित बस्ती ढोलकी पत्ती में 10 दिनों से फैले डायरिया ने गांव के दो लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। 19 लोग सरकारी अस्पताल बधनी कलां में जिंदगी एवं मौत से जूझ रहे है। गांव के लोग नलों में आ रहे दूषित पानी के कारण डायरिया के शिकार हुए है। सरकारी अस्पताल बधनी कलां में भर्ती ज्योति 16, अमरजीत कौर 40, रमनदीप सिंह 5, सुखप्रीत सिंह 30, अमनप्रीत कौर 35, छिंदर सिंह 60, कुलदीप सिंह 11, जसविंदर कौर 35, सर्बजीत कौर 30, सिमरन कौर 15, प्रगट सिंह 34, जगदीप 8, जसविंदर 35, सुखचैन 45, दरबारा 70, कमलप्रीत कौर ने बताया कि उनके मोहल्ले में दस्त एवं उल्टी से 15 दिनों से लोग परेशान हैं। मोहल्ले के प्रत्येक घर में एक मरीज बिस्तर पर पड़ा है। पिछले दस दिनों से गांव लोग प्राइवेट डॉक्टर से दवा ले रहे हैं, लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बुधवार रात को बधनी कलां के सरकारी अस्पताल में बलवीर कौर के इकलौते बेटे तरसेम सिंह की मौत हो चुकी है। उसको 24 अगस्त को डायरिया से दस्त व उलटियां लगी थी। 25 को उसकी मौत हो गई। इसी तरह गांव के 40 साल के जगरूप सिंह की सात दिन पहले डायरिया के चलते मौत हो गई थी। जबकि जगरूप की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है।
पता लगने पर भेज दी थी टीम : एसएमओ
एसएमओ बधनी कलां डॉक्टर बलविंदर सिंह का कहना है कि सेहत विभाग के अधिकारी को बुधवार रात को गांव में फैली बीमारी का पता लगा तो वह तुरंत सरकारी एंबुलेंस लेकर वहां पहुंचे। वहां से मरीज लाकर बधनी कलां सरकारी अस्पताल में भर्ती कर उनका मुफ्त इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में दाखिल मंरीजों की हालत खतरे से बाहर है। जबकि सेहत विभाग गांव के प्रभावित मोहल्ले मेडिकल टीमें भेजी गई है। वहीं घरों में मौजूद लोगों का सेहत विभाग की टीम की ओर से जांच की जा रही है।
सिविल सर्जन ने किया अस्पताल का दौरा
बधनी कलां अस्पताल का दौरा करने पर सिविल सर्जन डॉ. रेणू मंगला ने बताया कि गांव रनियां में डायरिया की बीमारी से प्रभावित मरीजों का सरकारी स्तर पर इलाज चल रहा है। उनका कहना है कि गांव में डायरिया की बीमारी के चलते मरने वाले लोगों की उनके पास कोई जानकारी नहीं है। गांव मेडिकल टीम भेजने के अलावा लोगों के घरों में आने वाले पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए बुखार या किसी अन्य बीमारी का पता लगने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करवाने के लिए कहा है।