विदेशों से गेहूं मंगवाकर किसानों से सरकार ने किया धोखा
संस, मानसा जम्हूरी किसान सभा ने केंद्र सरकार द्वारा बिना एक्साइज ड्यूटी के विदेश से मंगवाइ
संस, मानसा
जम्हूरी किसान सभा ने केंद्र सरकार द्वारा बिना एक्साइज ड्यूटी के विदेश से मंगवाई गई गेहूं का विरोध जताया है। जिसके तहत किसान जत्थेबंदी ने गांव फफड़े भाईके में किसानों ने रैली की और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान नेता इकबाल ¨सह फफड़े भाईके व अमरीक ¨सह ने आरोप लगाया कि अब तक विदेश से 25 लाख टन गेहूं भारत में आ चुकी है। जब तक पंजाब के किसानों की गेहू की फसल मंडियों में आएगी, तब तक भारत में विदेशी गेहूं 40 लाख टन पहुंच जाएगी। इसका सीधा अर्थ किसान को आर्थिक पक्ष से तबाह करना है। उन्होंने कहा कि किसान आलू की फसल तैयार करने और प्रति एकड़ 80 से 90 हजार रुपये खर्च कर चुके हैं, परंतु अब किसानों को अपनी आलू की फसल का मूल्य बाजार में डेढ़ रुपये प्रति किलो भी नहीं मिल रहा, जिस कारण आलू बीजने वाले किसान आर्थिक पक्ष से टूट चुके हैं और किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि भारत सरकार केंद्रीय एजेंसी नेफेड द्वारा सरकारी अदारों द्वारा आलू की फसल को कम से कम 750 रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर खरीदने का प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि विदेशों से भारत में लाई जा रही गेहूं पर रोक लगाई जाए, जिससे पंजाब के किसानों की गेहूं को बर्बाद होने से बचाया जा सके। इस मौके किसान नेताओं ने किसानों से अपील की कि वह अपने मतभेद भुलाकर एक बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें, जिससे गेहूं के सीजन में पंजाब के किसानों की फसल का दाना-दाना बचाया जा सके। इस मौके पर जत्थेबंदी के भीखी ब्लाक के प्रधान मघ्घर ¨सह अतला, ब्लाक सचिव बल्लम ¨सह मति, सोहण राम भूपाल, बोघा ¨सह ढैपयी और लीला ¨सह कोटधरमू भी उपस्थित थे।