जिले के 73 एटीएम में से सिर्फ चार में कैश
नानक सिह खुरमी, विनोद जैन, मानसा सरदूलगढ़ नोटबंदी के साढ़े तीन माह बाद भी लोगों को
नानक सिह खुरमी, विनोद जैन, मानसा सरदूलगढ़
नोटबंदी के साढ़े तीन माह बाद भी लोगों को अपना ही पैसा निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मानसा में इस समय कुल मिलाकर 32 के करीब सरकारी तथा प्राईवेट बैंक हैं, जिनके शहर में करीब 65 एटीएम हैं। शहर के लगभग सभी एटीएम पर नो कैश लिखा हुआ देखा गया और सभी के शटर बंद मिले।
इस समय शहर के 65 के करीब एटीएमस की हालत खाली लेटर बाक्स जैसी है, जिसमें अब कोई चिट्ठी पत्र नहीं डालता है। शहर में रेलवे रोड पर करीब पांच एटीएम हं,ै जिनमें किसी में भी कैश नहीं है। शहर के बस स्टैंड के पास करीब तीन एटीएम हैं, जिनमें किसी में कैश नहीं है। ऐसे में यात्रियों को पैसे निकालने के लिए असुविधा होती है।
वहीं, सरदूलगढ़ शहर में 8 एटीएम हैं जो सभी ही खाली पड़े हैं और नो कैश लिखा हुआ है। जिस कारण आम लोगों की मुश्किलें हल होने की बजाय बढ़ रही हैं।
सरदूलगढ़, झूनीर और हलके के गांवों में लगे एटीएम कैशलेस हुए पड़े हैं। ज्यादातार एटीएम में रुपए डाले ही नहीं जाते या कुछ बैंकों की तरफ से अपने एटीएम में हफ्ते में एक या दो बार कैश डाला जा रहा है। जो एक -दो घंटों में ही खत्म हो जाता है। स्टेट बैंक आफ इंडिया बैंक का एटीएम भी बंद पड़ा है।
उधर शहर के एचडीएफसी और पीएनबी के एटीएम में हफ्ते में एक -दो बार कैश डाला जाता है। जो जल्दी ही खत्म हो जाता है। यही हाल पटियाला बैंक, ओबीसी बैंक, सेंट्रल बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक का है। आम लोगों और सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि बैंक वाले जान बूझकर लोगों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि सभी एटीएम को निर्विघ्न चालू रखा जाए और कैश खत्म होते ही कैश डाले जाने के प्रबंध किए जाएं।