आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन ने डीसी को सौंपा मांग पत्र
नानक सिंह खुरमी, मानसा आंगनबाड़ी यूनियन ने जिला प्रधान जसविंदर कौर के नेतृत्व में उपायुक्त क
नानक सिंह खुरमी, मानसा
आंगनबाड़ी यूनियन ने जिला प्रधान जसविंदर कौर के नेतृत्व में उपायुक्त को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। इस दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन पंजाब सीटू, आशा वर्कर्स और मिड-डे मील द्वारा सेंटर आफ ट्रेड यूनियन के आह्वान पर 44वीं व 45वीं लेबर कांफ्रेंस की सिफारशें लागू करवाने के लिए समूह स्कीम वर्करों द्वारा शुरु किए गए जेल भरो आंदोलन के तहत किया प्रदर्शन। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के लिए खुद को पेश किया मगर प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।
जसविंदर कौर और सीटू के नेता कुलविंदर सिंह उड्डत ने कहा कि आइसीडीएस स्कीम दो अक्तूबर, 1975 को शुरू की गई थी। जिसका मनोरथ संगठित बाल विकास और सेहत संभाल है। उन्होंने कहा कि इतना अर्सा बीतने के बाद भी इस स्कीम को आंगनबाड़ी वर्कर्स को नहीं दिया गया। इसके तहत वर्कर्स को 150 रुपये मानभत्ता दिया जाता था। लेकिन आज के समय में बहुत कम पैसों पर वर्कर्स को गुजारा करना पड़ रहा है। आइसीडीएस स्कीम के अधीन 14 लाख आगनबाड़ी केंद्र देश के 10 करोड़ से अधिक और 2 करोड़ गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं के सेहत संभाल का काम करती हैं। इतना सबकुछ करने के उपरांत यह वर्कर्स खुद सामाजिक सुरक्षा और सेहत सुविधा से वंचित र्ह।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सत्ता में आने से पहले अच्छे दिनों का वायदा किया था। आंगनबाड़ी वर्कर्स क मानदेय में भी बढ़ोतरी का आश्वासन दिया था, परंतु दो वर्ष में दो बजट सत्र होने के बाद भी आंगनबाड़ी वर्कर्स को बहुत कम मानदेय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आशा और मिड-डे मील वर्कर्स की अनदेखी की जा रही है। इस अवसर पर रणजीत कौर बरेटा, निशू रानी, सरनजीत झुनीर, सुखविंदर कौर किशनगढ़, सुखपाल कौर, सुमन लता, पुषपा बोहा, रणजीत कौर अहमदपुर, भोली चक अलीशेर, मनजीत कौर आदि मौजूद थीं।