टैक्स के नाम पर दादागिरी
संवाद सहयोगी, सरदूलगढ़ : आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसानों को अब नए टैक्स का सामना करना पड़ रहा
संवाद सहयोगी, सरदूलगढ़ :
आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसानों को अब नए टैक्स का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश का कोई भी किसान जब पशु मंडी में अपना पशु बेचने के लिए जाता है तो रास्ते में ठेकेदार के लोगों द्वारा किसानों की 15 सौ रुपये प्रति पशु के हिसाब से पर्ची काटी जा रही है। हैरानी की बात यह है कि पंजाब सरकार को इस बात की खबर तक नही है । इस टैक्स का शिकार हुए किसान शमशेर ¨सह वासी गांव खिडकिया वाला जिला मुक्तसर साहिब ने बताया कि वह एक ट्रक में अपने पशु भर कर फतेहाबाद हरियाणा में पशु मंडी में अपने पशु बेचने के लिए जा रहा था कि सरदूलगढ़ में हरियाणा बार्डर पर छह से सात लोगों द्वारा नाकेबंदी कर हर गाड़ी की चे¨कग की जा रही थी और 15 सौ रुपये प्रति पशु के हिसाब से पैसे वसूल किए जा रहे थे। उन लोगों द्वारा उससे पांच पशुओं के 75 सौ रुपये की मांग की गई उसके पास इतने पैसे न होने के चलते उसे फतेहबाद मंडी में नहीं जाने दिया गया। उसने कहा कि उसके पक्ष में अन्य किसान आ गए ओर नाकेबंदी करने वाले लोगों से उनके पहचान पत्र मांगें लेकिन वह कोई पहचान पत्र नही दिखा सके । उन्होंने कहा कि जब मामला थाना सरदूलगढ में पहुंचा तो थाना मुखी गुरदीप ¨सह के निजी दखल के बाद उन लोगों ने किसान के ट्रक को छोड़ा गया । इस बारे थाना मुखी गुरदीप ¨सह ने कहा कि ठेकेदार के पास पर्ची काटने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह डीडीपीओ मानसा से बात करेगें और किसी भी किसान से धक्का नही होने देंगे। इस सबंधी जिला ग्रामीण विकास व पंचायत अफसर बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 30 जून 2018 तक ठेका दिया गया है । जब उनसे सड़क पर नाकेबंदी कर पर्ची काटने संबधी पुछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे कोई जानकारी नही है । इस बारे पंजाब पशु व्यापारी यूनियन के प्रधान राजीव कुमार मलहोत्रा व उपप्रधान द मालवा पैपसू व्यपारी वेलफेयर सोसायटी सौदागर ¨सह ने मांग करते कहा कि पंजाब सरकार ठेकेदारों की गुंडागर्दी खत्म करे ओर ठेकेदार द्वारा पशु मेले में ही पर्ची काटी जाए इस के बदले पशु पालकों को सहूलत का प्रबंध किया जाए।