विकराल होता जा रहा है नशे का दंश
नरिंदर सलूजा, मानसा देश में अन्य सामाजिक बुराइयों को पीछे छोड़ते हुए नशे का दंश दिन ब दिन विकर
नरिंदर सलूजा, मानसा
देश में अन्य सामाजिक बुराइयों को पीछे छोड़ते हुए नशे का दंश दिन ब दिन विकराल होता जा रहा है। जिले में पिछले दिनों शराब माफिया द्वारा युवक की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अपने साथी को अत्यधिक नशे की डोज देकर मारने के आरोप में पुलिस ने दो युवकों को नामजद किया है। नशे के दानव ने पिछले दिनों प्रकाशित हिंदी फिल्म उड़ता पंजाब में दिखाए गए भयावह दृश्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
देश में नशे से जुड़ी किसी घटना के होने पर जहां विपक्षी पार्टियों के नेताओं द्वारा मौके को भुनाने के लिए पहुंचकर उसे खूब उछाला जाता है, वहीं नशे के खिलाफ जागरूक अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक संस्थाओं तथा राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी खूब घिसे पिटे बयान झाड़े जाते हैं। असल में आए दिन कोई न कोई घटना आम लोगों को झिंझोड़ देती है।
जून के अंत में हुई दो युवकों की मौत
27 जून को कस्बा जोगा के दो दोस्त परविंदर सिंह (18) पुत्र गमदूर सिंह व एकम उर्फ मेहर सिंह (19) पुत्र हरदेव सिंह की नशे की अधिकता से हुई मौत के बाद आसपास ही नहीं, बल्कि समूचे पंजाब में रहने वाले युवा बेटों के अभिभावकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उभर आई थीं।
जून में ही नशेड़ी बेटे ने मां को मारी गोली
यही नहीं दो युवकों की अत्यधिक नशे से मौत की घटना के दूसरे दिन ही राज्य सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ के गोद लिए गए गांव कोटधरमू में नशेड़ी बेटे ने मां को गोली मार दी। नशे की लत के शिकार 15 वर्षीय बेटे सिमरजीत सिमरी ने जहां अपनी मां 45 वर्षीय कुलविंदर कौर उर्फ राणी को गोली मारकर खुद की जिंदगी बर्बाद कर ली। वहीं साथ में अपने छोटे भाई चेतन प्रकाश (13) के सिर से भी मां का साया छीन लिया था।
पाली हत्याकांड भी खूब उछला
इन घटनाओं के बाद पिछले दिनों 10 अक्टूबर की रात को शराब माफिया द्वारा घरांगणा के युवक पाली को बेरहमी से काट कर हत्या कर देने का मामला भी खूब उछला, लेकिन सत्ता ही नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियां भी इस तरह के मामलों को बस राजनीतिक लाभ के लिए उछालने से अधिक तवज्जो नहीं देती नजर आ रही।