शाम होते ही पसर जाता है बस अड्डे पर अंधेरा
दीपक सिंगला, मानसा शहर में जहां एक तरफ विकास के दावे किए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ बस स्टैंड प
दीपक सिंगला, मानसा
शहर में जहां एक तरफ विकास के दावे किए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ बस स्टैंड पर शाम होते ही यहां आने वाले यात्रियों को अंधेरे से जूझना पड़ता है। बस स्टैंड पर एकाध ट्यूब व बल्ब को छोड़कर लगभग सभी स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है।
शहर के मुख्य बस स्टैंड पर दिन में तो बसों का आवागमन रहता ही है, रात के समय भी बसें आती जाती रहती हैं। शाम के साथ ही बस स्टैंड पर स्ट्रीट लाइटों के न जलने के कारण अंधेरा पसरने लगता है जिस कारण रात को आने वाले यात्रियों, उन्हें लेने आने वाले परिजनों तथा खुद बस संचालकों को भी दिक्कत पेश आती है। देर शाम से पसरे अंधेरे से तंगी का यह सिलसिला सुबह दिन निकलने तक जारी रहता है। बस स्टैंड पर पसरे अंधेरे के कारण अखबारों की एंजेंसी वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड पर स्ट्रीट लाइट तो है, मगर बंद पड़ी होने से यात्रियों व अन्य लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त करने के लिए एजेंसी मालिकों ने कई बार नगर कौंसिल के उच्च अधिकारियों को अवगत भी करवाया, लेकिन इस समस्या की और किसी अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
उधर, नगर कौंसिल के कार्यकारी प्रधान गुरमेल सिंह ठेकेदार का कहना है कि बस स्टैंड में लगी स्ट्रीट लाइटें जिस कंपनी से लगवाई थी, उसे सूचित कर दिया गया है वह जल्दी ही इनको ठीक करवा देंगे।