सोलो आर्टिस्ट फिजा स्टेज शो से बिखेर रही जादू, इंटरनेशनल सिंगर बनने की जताई इच्छा
हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आज बच्चे अपनी पसंद के अनुसार फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं।
जेएनएन, लुधियाना : हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आज बच्चे अपनी पसंद के अनुसार फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं। इसके लिए वे स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही होने वाली कल्चरल एक्टिविटीज में भाग लेकर अपने करियर के लिए पिच तैयार करने लग जाते हैं। कुछ ऐसा ही किया हैबोवाल की 18 वर्षीय सोलो आर्टिस्ट फिजा शर्मा ने। वह इंटरनेशनल सिंगर बनना चाहती है। फिलहाल जितने भी स्टेज शो होते हैं, वह उसमें भाग लेकर अपनी गायकी का जादू बिखेरती है। खास बात यह भी है कि वह गिटार भी सीख रही है।
गायक अरिजीत व श्रेया घोषाल को मानती है आदर्श
फिजा अंतरराष्ट्रीय गायक टेलर स्विफ्ट को और बॉलीवुड गायक अरिजीत सिंह व श्रेया घोषाल को अपना आदर्श मानती है। शहर के हैबोवाल की रहने वाली फिजा ने बताया कि दूसरी कक्षा से वह सिंगिंग करती आ रही है। जब वह छठी कक्षा में थी, तब से गिटार भी बजा रही है। शुरुआत में स्कूल स्तर पर जितने भी कंपीटिशन होते हैं, वह उसमें अपनी गायकी की परफॉर्मेस जरूर देती है। इसी तरह उसे मौका मिला अपने करियर के लिए तैयारी करने का। जब वह कक्षा दूसरी में थी तब इंटर क्लास कंपीटिशन में हिस्सा लेकर उसने पहली बार प्रथम स्थान पाया था। इसके बाद से उसने गायकी को ही अपना प्रोफेशन बनाने का सोच लिया है।
पेंटिंग और मूवीज देखने का है शौक
पेंटिंग और मूवीज देखने की शौकीन फिजा ने कहा कि गायकी के बाद जब भी उसे फ्री समय मिलता है तो वह कलाकारों के पोट्रेट बनाती है। पिता रवीनंदन शर्मा है जिनकी शहर में इंडियन आइडल नाम से एकेडमी है। माता सोनिया शर्मा राइजिंग स्टार प्ले स्कूल की प्रिंसिपल हैं।
पिछले आठ वर्षों से सीख रही गिटार बजाना
फिजा का कहना है कि वह पिछले आठ सालों से गिटार बजाने की कोचिंग ले रही है। अभी भी वह म्यूजिकल वाइव्स एकेडमी के गुरप्रीत सिंह से गिटार बजाने की ट्रेनिंग ले रही है। शुरुआत में वह आधा से पौना घंटा तक गिटार बजाने की कोचिंग लेती है। फिर जब से इसे अपना उद्देश्य बनाया तो रोजाना दो घंटे तक गिटार बजाने की कोचिंग ले रही है। वहीं छह महीने तक इंडियन आइडल एकेडमी के नरेंद्र से गायकी की सीख हासिल की है।