Move to Jagran APP

पेट दर्द से जूझ रही थी 62 वर्षीय महिला, जांच करने पर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश

मंडी गोबिंदगढ़ की रहने वाली 62 वर्षीय महिला होपराजी पिछले दो महीने से पेट दर्द से जूझ रही थी। उसकी अल्ट्रा साउंड व इको की रिपोर्ट देख डॉक्टर भी दंग रह गए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 03:32 PM (IST)
पेट दर्द से जूझ रही थी 62 वर्षीय महिला, जांच करने पर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश
पेट दर्द से जूझ रही थी 62 वर्षीय महिला, जांच करने पर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश

जेएनएन, लुधियाना। मंडी गोबिंदगढ़ की रहने वाली 62 वर्षीय महिला हुबरा देवी पिछले दो महीने से पेट दर्द से जूझ रही थी। होपराजी ने स्थानीय डाक्टरों से कई बार दवा ली। जब फर्क नहीं पड़ा तो किसी ने उन्हें जवद्दी पुल के समीप सिथत पंचम अस्पताल में जाने की सलाह दी। महिला आठ अप्रैल को अस्पताल पहुंची। जिस जगह वह दर्द की शिकायत बता रही थी, उसे देखते हुए डाक्टरों को लगा कि शायद हार्ट की प्राब्लम हो सकती है।

loksabha election banner

ऐसे में डा. आरपी सिंह ने महिला की जांच व रूटीन टेस्ट व ईसीजी करवाई। ईसीजी में कुछ खास नजर नहीं आया। ऐसे में महिला को इको व अल्ट्रा साउंड करवाने के लिए कहा गया। जब अल्ट्रा साउंड व इको की रिपोर्ट आई, तो उसे देखकर वह दंग थे। क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार महिला का पित्ता लेफ्ट साइड पर था। पित्ताशय सूजन थी और वह छोटे छोटे पत्थरों से भरा हुआ था। दिल व पेट भी लेफ्ट साइड की बजाए राइट साइड थे और इसकी वजह से पेट के अंदरूनी अंग भी उलटी दिशा में थे।

साइटिस इनवरसेस टोटेलेस

अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आरपी सिंह, विजटिंग सर्जन डा. रणबीर सिंह व डा. कुलदीप सिंह के अनुसार इस तरह के मरीज बेहद कम देखने को मिलते हैं, जिनके कई अंग विपरीत दिशा में हो। इसे साइटिस इनवरसेस टोटेलेस कहते हैं। यह दो तरह का होता है। एक साइटिस इनवसेस टोटेलेस व दूसरा पारशिएलेस। साइटिस इनवसेस टोटेलेस में छाती व पेट के आर्गन उल्ट दिशा में होते है। जबकि पारशीएलेस में शरीर के अंदर का केवल एक अंग ही उल्ट दिशा में होता है। यह कंजेनिटल ओटो सोमल रिसेसिव जैनेटिक डिसऑर्डर है। जो जन्म से ही होता है।

बीस हजार लोगों में से एक व्यक्ति को होता है यह डिसऑर्डर

यह डिसआर्डर बीस हजार लोगों में से एक व्यक्ति को हो सकता है। हालांकि अंगों के उलटी दिशा में होने पर मरीज को कोई समस्या नहीं आती। समस्या केवल सर्जन को आ सकती है, जिन्हें उल्टी दिशा में अंगों के होने पर सर्जरी का अनुभव नहीं होता। डा. कुलदीप सिंह के अनुसार महिला का पित्ताशय छोटे छोटे पत्थरों से भरा हुआ था। इसी वजह से उसे दर्द हो रही थी। ऐसे में लैप्रोस्कोपी से सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। साइटिस इनवसेस टोटेलेस मरीज के पिते में पत्थरी निकालने के लिए की जाने वाली लैप्रोस्कोपी सर्जरी बेहद जटिल होती है। क्योंकि अंगों की दिशा बदल जाने से सर्जन के लिए चुनौती आती है।

बेहद मुश्किल होता है ऑपरेशन 

आमतौर पर जब लेफ्ट साइड पर अंगों की लैप्रोस्कोपिक के साथ सर्जरी करनी होती है, तो सर्जन राइट साइड पर खड़े होकर टीवी पर देखते हुए राइट हैंड व आई कोआडिनेशन से सर्जरी करते है। लेकिन जब अंग राइट साइड पर होते हैं तो राइट हैंडड सर्जन के लिए साइटिस इनवसेस टोटेलेस का आपरेशन करना बेहद मुश्किल होता है।क्योंकि अगर राइट से ही सर्जरी करनी हो, तो हाथ क्रॉस होते हैं। जिससे समस्या आती है। हालांकि लेफ्ट हैंडेड सर्जन आसानी से सर्जरी कर लेता है। लेकिन बेहद कम सर्जन लेफ्ट हैंडेड होते है। ऐसे में उन्होंने सर्जरी करने के एक नए तरीके का इजाद किया। औजारों की एडजस्टमेंट करके मरीज की टांग के बीच खड़े होकर  सर्जरी की।

दुनिया में बहुत कम सर्जन कर पाते हैं ऐसी सर्जरी

डा. कुलदीप व डा. रणबीर ने दावा किया कि टांग के बीच में खड़े होकर साइटिस इनवसेस टोटेलेस मरीज के पित्ते में पत्थरी निकालने के लिए राइट हैंडेड सर्जन द्वारा पहली बार इस तरह की तकनीक इस्तेमाल करके लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई है। इसे वह इंटरनेशनल जनरल में लिखेंगे। क्योंकि यह दुलर्भ सर्जरी है। डा. कुलदीप ने कहा कि इस तकनीक से सर्जरी करने का आइडिया उन्हें बैरियाट्रिक सर्जरी से आया। बैरियाट्रिक सर्जरी भी मरीज के पैरों के बीचों बीच खड़े होकर की जाती है। डा. कुलदीप ने कहा उन्होंने अपने 27 साल के करियर में तीसरी दफा साइटिस इनवसेस टोटेलेस वाले मरीज की सर्जरी की। दुनिया में बहुत कम सर्जन होंगे, जिन्होंने एक से अधिक बार ऐसे केस किए होंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.