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कौम साथ दे तो कड़े फैसले लेने में सक्षम श्री अकाल तख्तः जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह Ludhiana News

करतारपुर कोरिडोर के उद्घाटन के मौके पर सरकार व एसजीपीसी के अलग-अलग स्टेज लगाए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का मसला है।

By Vikas KumarEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 10:20 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 10:21 AM (IST)
कौम साथ दे तो कड़े फैसले लेने में सक्षम श्री अकाल तख्तः जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह Ludhiana News
कौम साथ दे तो कड़े फैसले लेने में सक्षम श्री अकाल तख्तः जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। श्री अकाल तख्त साहिब कौम व इंसानियत की रक्षा के लिए कठोर फैसले लेने में हमेशा सक्षम रहा है। वहां से जो हुक्मनामा जारी होते हैं उन पर कौम पूरी तनदेही से अमल करती आई है। लेकिन, अब कौम के लोगों का रूझान सरकार की तरफ हो गया और निजी फायदे के लिए लोग हुक्मनामों को गंभीरता से नहीं ले रहे। कौम के ऐसे स्वार्थी लोगों की वजह से ही श्री अकाल तख्त साहिब कमजोर हो रहा है। यह बात ज्ञान हरप्रीत सिंह ने कही। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर कौम श्री अकाल तख्त साहिब के साथ खड़ी हो और हुक्मनामों को गंभीरता से ले तो अब भी कठोर फैसले लिए जा सकते हैं।

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लुधियाना में आयोजित ग्लोबल सब्मिट के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत ङ्क्षसह ने कहा कि 18 वीं शताब्दी में श्री अकाल तख्त ने महाराज रणजीत सिंह के खिलाफ हुक्मनामा जारी किया था तो उनकी सेना में शामिल सिख संतरी से लेकर सिख मंत्री तक सभी ने उनका बहिष्कार कर लिया था। जब महाराजा रणजीत सिंह ने अपने कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने साफ कर दिया कि अकाल तख्त से उनके खिलाफ हुक्मनामा जारी हुआ है जब तक वह अकाल तख्त के पास पेश नहीं होते तब तक उनका बहिष्कार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कौम ने अकाल तख्त के जत्थेदार फूला सिंह के हुक्मनामे को माना तो महाराजा रणजीत ङ्क्षसह को भी अकाल तख्त के सामने पेश होना पड़ा। लेकिन अब लोग सियासी नफा नुकसान देखते हुए हुक्मनामों को गंभीरता से नहीं ले रहे। जिसकी वजह से यह सर्वोच्च संस्था कमजोर हो रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कौम को गुरुबाणी के प्रचार प्रसार के लिए आगे आना होगा।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बाणी को घर-घर पहुंचाना है लचीलापन अपनाना होगा :

उन्होंने कहा कि अगर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बाणी को घर-घर पहुंचाना है तो थोड़ा लचीलापन अपनाना होगा। हिंदू भी अपने घरों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश कर रहे थे और पूरे मान सम्मान के साथ गुरु ग्रंथ साहिब को रखते थे। लेकिन कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और हिंदुओं के घरों से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को उठा दिया। उन्होंने कहा कि इससे धर्म फैलने के बजाय सिकुडऩे लगा है। वहीं करतारपुर कोरिडोर के उद्घाटन के मौके पर सरकार व एसजीपीसी के अलग-अलग स्टेज लगाए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का मसला है। सरकार को सोचना है कि वह स्टेज साथ लगवाती है या अलग।

सिर पर पगड़ी और दाढ़ी नहीं तो वह असली सिख नहीं : चीफ इमाम भारत

सर्व धर्म सब्बमिट में शामिल होने पहुंचे मौलाना मोहम्मद उमैर अलासी चीफ इमाम भारत ने भी कहा कि सिख धर्म और गुरुनानक देव जी की शिक्षाएं लोगों को प्रेरणा देने वाली हैं। उन्होंने कहा कि सिख युवा अपनी पहचान न छोड़ें। उन्होंने कहा कि सिर पर पगड़ी और दाढ़ी ही सिखी की असली पहचान है। जिस सिख के सिर पर पगड़ी नहीं और दाढ़ी नहीं है वह असली सिख नहीं है। इसलिए सिख युवा इन दोनों को हमेश बरकरार रखें। इसके अलावा चीफ इमाम ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है और अब फैसला आना बाकी है। ऐसे में वह फैसले आने के बाद ही अपनी टिप्पणी देंगे।


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