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तस्करों और पुलिस कर्मचारियों के बीच का नेटवर्क तोड़ने की तैयारी, अब उठाया जाएगा यह कदम Ludhiana News

पहले तस्कर जेलों में बंद गैंगस्टरों की मदद से तस्करी करने लगे थे लेकिन जब से कड़ाई की गई तो चंद पैसों के लिए पुलिस वाले ही इस काम में शामिल हो गए हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 03:18 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 03:18 PM (IST)
तस्करों और पुलिस कर्मचारियों के बीच का नेटवर्क तोड़ने की तैयारी, अब उठाया जाएगा यह कदम Ludhiana News
तस्करों और पुलिस कर्मचारियों के बीच का नेटवर्क तोड़ने की तैयारी, अब उठाया जाएगा यह कदम Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। अब बंदियों को अदालत में लाने वाले पुलिस मुलाजिम ही नशा तस्करी का नेटवर्क चलाने लगे हैं, जिस कारण विभाग की हर तरफ किरकिरी हो रही है। एसटीएफ ने जून से अब तक चार पुलिस मुलाजिमों को पकड़ा है, जो नशे की तस्करी करते हुए पकड़े गए, जिन्हें डिसमिस भी कर दिया गया है। इससे पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट और कमिश्नरेट पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस ने अब जेल में बंद तस्करों और मुलाजिमों के बीच का नेटवर्क तोडऩे की ओर कदम बढ़ाया है।

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पिछले तीन मामलों में सामने आए घटनाक्रम के बाद जेल से बंदियों को पेशी पर लाने वाले सभी पुराने मुलाजिमों को बदला जा सकता है। बता दें कि बड़ी संख्या में नशा तस्कर जेल में बंद हैं। पहले तस्कर जेलों में बंद गैंगस्टरों की मदद से तस्करी करने लगे थे, लेकिन जब से कड़ाई की गई तो चंद पैसों के लिए पुलिस वाले ही इस काम में शामिल हो गए।

पेशी के दौरान सबसे ज्यादा समय साथ रहती है गार्द

आरोपितों को जेल से अदालत में पेश करने के लिए पुलिस लाइन से कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। इस दौरान बंदी और पुलिस गार्द के जवान लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ रहते हैं और इसी दौरान उनमें सांठ-गांठ हो जाती है।

इन पुलिसकर्मियों ने खाकी पर लगाया दाग

  • 26 जून को एसटीएफ ने एमटीओ ब्रांच में तैनात एएसआइ मेजर सिंह और उसकी महिला रिश्तेदार साथी को गिरफ्तार किया था। उनसे पांच किलो अफीम, 32 बोर का पिस्तौल और एसएलआर राइफल के 26 कारतूस के साथ बरामद हुए थे। आरोपित हरियाणा से अफीम लाकर कई जिलों में सप्लाई कर रहे थे। उसका लिंक भी जेल से जुड़ा था।
  • 11 अगस्त को एसटीएफ ने खन्ना सदर थाने के मुख्य मुंशी गगनदीप सिंह को 785 ग्राम हेरोइन तस्करी के आरोप में पकड़ा था। उसने लुधियाना के दो युवकों को नशा सप्लाई करने के लिए बतौर कूरियर ब्वॉय रखा था।
  • 18 अक्टूबर को एसटीएफ ने कमिश्नरेट के सामने ही वर्दीधारी हवलदारों को 12 ग्राम हेरोइन के साथ काबू किया। वह जेल से तस्करों को लेकर आते थे और जेल में बंद तस्कर के साथ मिलकर तस्करी कर रहे थे।

यह बेहद गलत सिस्टम है, इसे तोड़ा जाएगा

पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल का कहना है कि पुलिस और तस्करों के बीच संपर्क बनना और नशा तस्करी में पुलिस कर्मचारियों का पकड़ा जाना चिंता का विषय है। दो दिन पहले हेरोइन के साथ पकड़े गए हवलदारों को डिसमिस कर दिया गया है। हम इनका नेटवर्क तोडऩे के हर प्रयास करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो स्टाफ को भी बदल दिया जाएगा।

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