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Punjab Controversy: विवादों में घिरा तीज मेला, एससी महिलाओं को स्टेज से उतारने और अलग लंगर लगाने पर 4 पर केस

पूर्व अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के गांव में एक शिक्षा संस्थान की ओर से तीज के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया था। इसमें आयोजकों ने दलित वर्ग की महिलाओं को स्टेज से उतर कर पीछे जाने का आदेश दिया तो मामला तूल पकड़ गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 04:11 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 04:11 PM (IST)
Punjab Controversy: विवादों में घिरा तीज मेला, एससी महिलाओं को स्टेज से उतारने और अलग लंगर लगाने पर 4 पर केस
बठिंडा में एससी वर्ग की महिलाओं के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है। सांकेतिक चित्र।

जासं, बठिंडा। तीज के मेले में एससी महिलाओं को स्टेज से उतारने और उनके लिए अलग लंगर लगाने का मामला सुर्खियों में आने के बाद अब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मेले के आयोजक समेत चार लोगों पर मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू की है। 

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आरोपितों में रघुबीर सिंह भगता भाईका का प्रसिद्ध रघुबीर ज्वैलर्स का मालिक है, जिसने तिज तीज कार्यक्रम का आयोजन किया था, जबकि आरोपित जगसीर सिंह नगर पंचायत मलूका की अध्यक्ष का पति, आप नेता लक्खा सिंह और स्वर्ण सिंह और कुलदीप कौर पत्नी पलविंदर सिंह निवासी गांव मलूका शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार पूर्व अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के गांव में एक शिक्षा संस्थान की ओर से तीज के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया था। इसमें आयोजकों ने दलित वर्ग की महिलाओं को स्टेज से उतर कर पीछे जाने का आदेश दिया तो मामला तूल पकड़ गया। इतना ही नहीं जब महिलाएं लंगर में पहुंची तों वहां से भी उन्हें यह कहते हुए निकाल दिया गया कि उनके लिए लंगर के लिए अलग पंडाल लगाया गया है।

मामला भड़कने के बाद बात पुलिस तक पहुंची और इस मामले में आयोजक व नगर पंचायत की महिला प्रधान के पति व एक आप नेता समेत कुल चार लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है। दलित महापंचायत ने इस मामले में 13 सदस्यीय समिति गठित कर दी है। 

क्या था मामला, जानिए

सात अगस्त को गांव मलूका के रघुबीर सिंह ने तीज का कार्यक्रम करवाया था। इसमें उन्होंने अनुसूचित जाति की महिलाओं को मंच से उतारकर उनके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे आक्रोशित गांव के अनुसूचित जाति वर्ग ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया और कार्यक्रम संचालक का पुतला फूंका। इसके बाद मामला गरमा गया और कई एससी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया।

बाद में दलित महापंचायत के अध्यक्ष किरणजीत सिंह गहरी ने गांव का दौरा किया और न्याय की गुहार लगाने के लिए 14 सदस्यीय समिति का गठन किया। मामला तूल पकड़ता देख बठिंडा पुलिस ने बुधवार देर शाम आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

सुखदीप कौर पत्नी लक्ष्मण सिंह ने पुलिस को बताया कि मलूका आईएएस संस्थान बठिंडा के निदेशक व रघुबीर ज्वैलर्स भगता भाईका के संचालक रघुबीर सिंह ने गांव में तीज कार्यक्रम का आयोजन किया था। उनके कार्यक्रम में गांव वालों को आमंत्रित किया गया था। जब वे कार्यक्रम में पहुंची तो देखा कि रघुबीर सिंह ने एससी वर्ग और सामान्य वर्ग के लिए अलग-अलग टेंट लगाए थे। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति की महिलाओं और लड़कियों ने भी भाग लिया, लेकिन रघुबीर सिंह ने मंच से अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए जातिसूचक शब्द प्रयोग करते हुए उनसे मंच छोड़ने को कहा।

जब वह लंगर खाने गई तो आरोपित कुलदीप कौर के पति पलविंदर सिंह ने उसके हाथ से थाली ली और कहा कि लंगर निचली जातियों के लिए अलग रखा गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह स्वर्ण सिंह और जगसीर सिंह ने भी कहा कि उन्होंने आपकी जाति के लिए अलग लंगर की व्यवस्था की है। आप ऊंची जाति के साथ लंगर नहीं खा सकते। जब एससी वर्ग ने इसका विरोध किया तो आरोपितों ने जान से मारने की धमकी दी।

जांच अधिकारी एसआइ गणेश्वर कुमार ने बताया कि उक्त महिला के बयानों के आधार पर थाना दयालपुरा में आरोपित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार व मुख्यमंत्री को भेजा मांग पत्र

दलित महापंचायत के अध्यक्ष किरणजीत सिंह गहरी ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर जातिगत भेदभाव की घटना के बाद मलूका गांव का दौरा किया। सुखजीत कौर, मनप्रीत कौर, संदीप कौर, कुलदीप कौर, परमजीत कौर, अजमेर कौर, गुरतेज सिंह, गुरदेव सिंह, माखन सिंह, बूटा खान, सुखदेव सिंह एमसी, सिकंदर सिंह, बिरस्पल एमसी और भीमा एससी वर्ग को न्याय दिलाने के लिए एमसी पर आधारित कमेटी बनाई।

उन्होंने घोषणा की कि जातिसूचक शब्द बोलने वाले कथित दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। गहरी ने कहा कि मलूका गांव की यह घटना असहनीय है। हमारे गुरुओं ने जातिगत भेदभाव को दूर कर दिया है और श्री गुरु ग्रंथ साहिब में जातिगत भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन कुछ अमृतधारी व्यक्ति जातिगत भेदभाव करते हैं। ऐसे लोगों को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा धार्मिक रूप से दंडित किया जाना चाहिए और उन्हें पंथ से निष्कासित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का संचालन करने वाला स्वयं अमृतधारी है। गहरी ने घोषणा की कि दलित महापंचायत अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और पंजाब सरकार को मांग पत्र भेजेगी। उन्होंने कहा कि अगर आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह संघर्ष शुरू किया जाएगा। इस मौके पर बोहर सिंह उपाध्यक्ष दलित महापंचायत पंजाब, मोहन सिंह पंच उपाध्यक्ष जिला बठिंडा, जसवीर सिंह, बलविंदर सिंह, मंजीत सिंह, गगनदीप कौर और किरणदीप कौर मौजूद थे।

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