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दाना मंडी में सड़ रहा आलू, बाहर मिल रहा 30 रुपये प्रति किलो

तापमान में इजाफा होने से आलू खराब होने लगा है। इससे आलू कारोबारी व आढ़ती परेशान हैं। एक तरफ मंडी में आलू सड़ रहा है जबकि लोगों को रिटेल में आलू 30 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।

By SatpaulEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 08:40 AM (IST)
दाना मंडी में सड़ रहा आलू, बाहर मिल रहा 30 रुपये प्रति किलो
दाना मंडी में सड़ रहा आलू, बाहर मिल रहा 30 रुपये प्रति किलो

लुधियाना, जेएनएन। कर्फ्यू के चलते तमाम गतिविधियां बंद हैं, लेकिन प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए लगातार फैसले ले रहा है, बावजूद इसके सटीक व्यवस्था नहीं बन पा रही है। नतीजतन बहादुरके रोड स्थित दाना मंडी में सैकड़ों टन आलू का अंबार लग गया।

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उधर, तापमान में इजाफा होने से आलू खराब होने लगा है। इससे आलू कारोबारी व आढ़ती परेशान हैं। एक तरफ मंडी में आलू सड़ रहा है, जबकि दूसरी तरफ लोगों को रिटेल में आलू 30 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। यह पूरी तरह से अव्यवस्था की तरफ संकेत करता है।

आलू कारोबारियों का कहना है कि पहले रोजाना सैकड़ों की संख्या में रेहड़ी फड़ी वाले, आसपास के छोटे शहरों के कारोबारियों के अलावा शहर के विभिन्न हिस्सों में लगने वाली सब्जी मंडियों के कारोबारी आलू एवं अन्य सामान की खरीद मंडी से ही करते थे, लेकिन अब केवल प्रशासन की ओर से चुनिंदा वेंडरों को ही लाइसेंस दिए हैं। वे वेंडर ही माल की खरीद मंडी में आकर करते हैं। ऐसे में आलू की खरीद केवल 25 फीसद रह गई है। नतीजतन मंडी में आठ से दस हजार बोरी आलू का स्टॉक हो गया है। बढ़ते तापमान के कारण आलू खराब होने लगा है। इससे कारोबारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

मंडी में माल की आवक ज्यादा, निकासी कम

मंडी में होलसेल आलू कारोबारी जसपाल सिंह का कहना है कि मंडी में क्वालिटी के हिसाब से आलू की कीमत 10 रुपये से लेकर 13 रुपये प्रति किलो तक है। इस रेट पर भी माल का पूरा उठाव नहीं हो रहा है। अब दस दिन बाद आलू मंडी में गेहूं की आमद शुरू हो जाएगी। ऐसे में समझ नहीं आ रहा कि माल का स्टॉक कहां किया जाए। जसपाल सिंह का तर्क है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक मंडी में सब्जी का हाल बेहाल ही रहेगा। क्योंकि मंडी में माल की आवक ज्यादा है और निकासी कम है। इसीलिए स्टॉक बढ़ करा है और माल खराब हो रहा है।

ठोस प्रबंध की जरूरत

आलू कारोबारी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि इस वक्त कारोबारी मुश्किल दौर से गुजर रहा है। मंडी में कामकाज सीमित हो गया है। यदि सरकार ने इस संबंध में ठोस व्यवस्था नहीं बनाई तो नुकसान हो सकता है। न्यू सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान गुरकमल सिंह ने कहा कि प्रशासन ने कर्फ्यू के दौरान फल सब्जी की आपूर्ति सामान्य रखने के लिए कई वेंडरों को लाइसेंस दिए हैं। आढ़तियों का आरोप है कि वार्डो में माल की आपूर्ति करने के लिए बनाए गए वेंडर मंडी से माल उठाने की बजाए बाहर से ही खरीदारी कर रहे हैं। इसे मंडी में आढ़तियों के पास माल बच रहा है। कल भी मंडी में 50 फीसद माल बच गया।

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