नजीर बना गाव चट्ठा ननहेड़ा, सर्वोत्तम गाव का मिलेगा पुरस्कार
संगरूर जिले का गांव चट्ठा ननहेड़ा पंजाब के गांवों के लिए मिसाल बन गया है।
आशा मेहता, लुधियाना : संगरूर जिले का गांव चट्ठा ननहेड़ा पंजाब के गांवों के लिए मिसाल बन गया है। करीब 1200 परिवारों की आबादी वाले इस गांव की पंचायत ने जहां पराली न जलाने का संकल्प ले रखा हैं, वहीं शादी व अन्य समारोह सादगी से करने का निर्णय लिया है। गांव के लोग पीएयू वैज्ञानिकों के परामर्श के अनुसार मिट्टी की जाच करवाकर ही फसलों में खाद डालने और गेहूं व धान की किस्मों की बिजाई करते हैं। गाव की पंचायत ने काग्रेस घास व भांग जैसे खतरनाक पौधों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। यही नहीं, गांव के लोगों ने जीवनशैली व सेहत में सुधार के लिए अपने-अपने घरों में किचन गार्डन बनाया हुआ है, जिससे वे घर में अपनी जरूरत की सब्जियां पैदा करते हैं। पशुओं की अच्छी सेहत के लिए धांतों के चूरे का इस्तेमाल करते हैं। गांव का हर दूसरा किसान कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग लेने के उपरांत सूअर पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। अब पीएयू में होने वाले किसान मेले में इसे सर्वोत्तम गांव का
गांव की महिलाओं ने सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया हुआ है। इस ग्रुप के अंतर्गत ही वे घर में ही आचार, मुरब्बा, चटनी, दालें, मसाले तैयार करके रूरल मार्ट के जरिए मार्केट में बेचकर मुनाफा कमा रही हैं। गांव की इस तस्वीर को बदलने के पीछे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र संगरूर का बहुत बड़ा हाथ है। कृषि विज्ञान केंद्र संगरूर ने वर्ष 2016 में इस गाव को गोद लिया गया था। गांव को गोद लेने के बाद कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मनदीप सिंह के नेतृत्व में गांव में लगातार दो सालों तक किसानों को वैज्ञानिक सोच के अनुसार खेती करने व सहायक व्यवसाय अपनाने के लिए प्रेरित करने को लेकर ट्रेनिंग, वर्कशॉप के आयोजन किए गए। डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि गांव चट्ठा ननहेड़ा के किसानों ने वैज्ञानिकों की सलाह को अपनाते हुए जो प्रयास किए हैं, वे सराहनीय हैं। आज यह गांव पंजाब के दूसरे गांवों के लिए मिसाल है। इसलिए राज्यपाल सर्वोत्तम गांव पुरस्कार के लिए चुना गया है। 20 सितंबर को गांव के सरपंच गुरप्यार सिंह व कृषि विज्ञान केंद्र संगरूर, खेड़ी के एसोसिएट डायरेक्टर मनदीप सिंह यह अवार्ड हासिल करेंगे।