मोटापे से छुटकारे पाने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी रामबाण : डॉ. सुमित
इस सर्जरी से चालीस से 80 किलो तक वजन एक साल के भीतर कम किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कई बार डाइट व एक्सरसाइज के बाद भी मोटापे में कमी नहीं आती। ऐसे में मोटापा कम करने का एक आसान व कारगर तरीका बेरियाट्रिक सर्जरी है। हालांकि, यह सर्जरी उन लोगों को करवानी चाहिए, जिनका लंबाई के अनुसार संतुलित वजन से 35 से 40 किलो वजन अधिक हो। इस सर्जरी से चालीस से 80 किलो तक वजन एक साल के भीतर कम किया जा सकता है। यह कहना है मैक्स अस्पताल नई दिल्ली से आए डॉ. सुमित शाह का। वह डीएमसीएच में बेरियाट्रिक सर्जरी पर आयोजित कांफ्रैंस में जानकारी दे रहे थे। मंगलवार को पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने कांफ्रैंस का उद्घाटन किया। इस मौके पर डीएमसीएच मैनेजिंग सोसाइटी के सैक्रेटरी प्रेम गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. परविंदरपाल सिद्धू व पीएमसी सदस्य डॉ. मनोज सोबती मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे। डीएमसी के प्रिंसिपल डा. संदीप पुरी, असिस्टेंट डीन अकेडमिक डॉ. संदीप कौशल व मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संदीप शर्मा मौजूद रहे।
कांफ्रेंस में डॉ. शाह ने कहा कि देश में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। मोटापे की वजह से ही डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक, स्लीप एपेनिया, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल, पॉलिसिस्टिक ओवरी व इनफर्लिटी की समस्याएं भी आ रही है जिसका ठोस कारण तैलीय खाद्य पदार्थ है। लोग पढ़े-लिखे होने के बाद भी ऐसे खाद्य पदार्थ लेते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक है। ज्यादा तला हुआ खाने और शारीरिक श्रम न करने से मोटापा आना तय है। कई बार मोटापा विकराल रूप ले लेता है। लोग चलने-फिरने में असहाय हो जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी कारगर है। अमेरिका में हर वर्ष 2 लाख लोग करवाते ऑपरेशन
अमेरिका में हर साल दो लाख मरीज बेरियाट्रिक सर्जरी करवाते हैं। जबकि विश्व में इसकी संख्या पांच लाख है। भारत में जागरूकता की कमी की वजह से साल में महज पंद्रह हजार लोग ही बेरियाट्रिक सर्जरी करवा पाते हैं।
सबसे ज्यादा मोटापे के शिकार हैं पंजाबी
वहीं कांफ्रैंस के आर्गेनाइजिंग सैक्रेटरी डॉ. आशीष आहुजा ने कहा कि पंजाब में तो मोटापे की समस्या देश में सबसे अधिक है। पंजाबी बेरियाट्रिक सर्जरी करवाकर मोटापे से राहत पा सकते हैं। वर्तमान में बेरियाट्रिक सर्जरी करवाने का खर्च कोई अधिक नहीं रह गया है। लोग आसानी से सर्जरी करवा सकते हैं। कांफ्रेंस के दौरान एम्स से आए डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. पीएस नैन, डॉ. अमित सूद ने भी लेक्चर दिया।