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अपना ब्रांड बनाएं कारोबारी, तभी मिलेगी ख्याति: बदनोर

जागरण संवाददाता, लुधियाना लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा होटल पार्क प्लाजा में करवाए गए

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2017 03:00 AM (IST)
अपना ब्रांड बनाएं कारोबारी, तभी मिलेगी ख्याति: बदनोर
अपना ब्रांड बनाएं कारोबारी, तभी मिलेगी ख्याति: बदनोर

जागरण संवाददाता, लुधियाना

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लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा होटल पार्क प्लाजा में करवाए गए 39वें वार्षिक समारोह में मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर ने खुलासा किया कि वह खुद सात साल एस्कोर्ट गु्रप ऑफ कंपनीज में नौकरी कर चुके हैं। इसलिए उनको इंडस्ट्री की समस्याओं की भलीभांति जानकारी है। बदनोर ने जीएसटी को एक क्रांतिकारी कदम बताया तो कारोबारियों को अपना ब्रांड स्थापित करने का सुझाव भी दिया। बदनोर ने बताया कि चंद साल पहले आस्ट्रेलियन कंपनी ने भारतीय कंपनी से करार करने को सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया कि यहां जीएसटी लागू नहीं था। इस दौरान मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रह चुके रिटायर्ड जनरल बिक्रम सिंह। शहर के प्रमुख उद्योगपतियों की मौजूदगी वाले समारोह में बदनोर ने जनरल बिक्रम सिंह सहित विभिन्न क्षेत्रों में बुलंदी का परचम फहराने वाली 6 शख्सियतों को सम्मानित किया। इस दौरान एलएमए प्रेसिडेंट डॉ केएनएस कंग, भारती टेलीकॉम के राकेश भारती मित्तल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कमल वढ़ेरा, जगदीश राय सिंघल, जनरल सेक्रेटरी परमजीत कौर, महेश मुंजाल, वीके गोयल, अनिल कुमार, एमएस जहीर, एसएस भोगल, रिशी पाहवा, इंद्रजीत सिंह नागपाल मौजूद रहे।

खुद के ब्रांड को मजबूत करें: बदनोर ने लुधियानवियों की तारीफ करते हुए कहा कि साइकिल, ऑटोपा‌र्ट्स, होजरी-गारमेंट्स, सिलाई मशीन पा‌र्ट्स क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों की वजह से ही आज लुधियाना विश्व विख्यात इंडस्ट्री है। अपने ब्रांड को मजबूत करने पर फोकस करने का सुझाव देते हुए उन्होंने सोनी ब्रांड का किस्सा भी कारोबारियों से शेयर किया।

बताया सोनी का किस्सा

बदनोर ने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान पूरी तरह से तबाह हो गया था। 1946 में सोनी कंपनी के मालिक ओकियो मोरिटा ने छोटे स्तर पर कारोबार की शुरुआत कर ट्राजिस्टर और रेडियो बनाया और अमेरिका में इनकी मार्केट करनी शुरू की थी। क्वालिटी के दम पर ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। आज अपने ब्राड और प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के बूते पर सोनी विश्वविख्यात है। अपनी होम सिटी राजस्थान के भीलवाड़ा की मिसाल देते हुए बदनोर ने बताया कि एलएम झुनझुन वाला ने एक इंडस्ट्री लगाई थी, आज वहा सैकड़ों इंडस्ट्रियल यूनिट लगने के बाद वह मानचेस्टर हब बन गया है। 1970 के दशक में टाटा-बिरला के अलावा मात्र 20 कंपनियों का बोलबाला था। उन दिनों उन्हें एस्कोर्ट कंपनी में करीब 7 साल काम करने का मौका मिला। तब उन्हें मालूम हुआ कि प्रोडक्टिविटी, मार्केटिंग और ह्यूमन रिसोर्स कारोबारी में महत्वपूर्ण अंग है।

इन शख्सियतों को किया सम्मानित

-हीरो फिन कॉरपोरेशन दिल्ली के अभिमन्यु मुंजाल को ट्राइडेंट अवार्ड फॉर यंग इनोवेशन इंटरप्रिन्योर।

-अंबर इंटरप्राइजेज गुरुग्राम के दलजीत सिंह को वर्धमान अवॉर्ड फॉर आंत्रप्रन्योर। -एचडीएफसी बैंक के जोनल मैनेजर जतिंदर गुप्ता को दयानंद मुंजाल अवार्ड फॉर मैनेजर।

-नोबल फाउंडेशन के चेयरमैन राजिंदर शर्मा को हरीचंद अवार्ड फॉर कारपोरेट सिटीजन।

-गंगा एक्रोवूल्स लिमिटेड के डॉक्टर रविंदर वर्मा को सोहन लाल पाहवा अवार्ड फॉर इमर्जिंग एसएमई।

- रिटायर्ड चीफ ऑफ इंडियन आर्मी बिक्रम सिंह को सतपाल मित्तल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड।


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