अनाथ बच्चियों के लिए समर्पित हैं जसबीर कौर
बिंदु उप्पल, जगराओं : समाज के लोगों का पहरावा व रहन-सहन तो आधुनिक हो गया है लेकिन उनक
बिंदु उप्पल, जगराओं : समाज के लोगों का पहरावा व रहन-सहन तो आधुनिक हो गया है लेकिन उनकी सोच नहीं बदली है। पुत्र मोह के लोभी बेटियों को जन्म देने के बाद सड़कों, अस्पतालों व कूड़ेदान में फेंक रहे हैं। ऐसी बच्चियों की देखरेखा का जिम्मा उठा रही हैं जसवीर कौर।
जसवीर कौर मुल्लांपुर स्वामी गंगा नंद भूरी वाले बाल घर फाउंडेशन की प्रधान हैं। उनकी देखरेख में वो अनाथ बच्चियों हैं जिन्हें उनके मां-बाप ने छोड़ दिया है। जसबीर कौर ऐसी ही बच्चियों को पाल रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 से अभी तक इस बाल घर से 300 बेटियों को अच्छे परिवारों ने गोद लिया है। जिसके लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया को अपनाया जाता है और दो साल तक उनकी परवरिश की निगरानी भी की जाती है।
उनका कहना है कि समाज का एक भाग जहां बेटी के जन्म को पाप मानता है और उनको परिवार से दूर कर देता है। वहीं समाज का दूसरा भाग जिनके पास कोई संतान न हो ऐसे जरूरतमंद परिवार उनके बाल घर से बच्चों को गोद लेना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि स्वामी शंकराचार्य जी भूरी वालों ने उन्हें यह मिशन सौंपा था। उन्हें शुरू से ही लड़कियों से काफी लगाव था। वह समाज में लड़की के जन्म को कलंक मानने वालों की लोगों की सोच को बदलना चाहती थी। जिसके लिए उन्होंने खुद पढ़-लिख कर नवजात बच्चों की परवरिश व देखभाल के प्रति लुधियाना स्थित मोहन देई चैरीटेबल ओसवाल कैंसर अस्पताल से नर्सिग की पढ़ाई की। फिर परिवार की सहमति से बेटियों के उत्थान के लिए स्वामी गंगा नंद भूरी वाले बाल घर से जुड़ी।
जसबीर कौर ने बताया कि उन्होंने खुद बाल घर से तीन लड़कियां जिसमें एक बच्ची जब कुछ घंटों की थी और बाकी की दो तीन-चार महीने की थी को गोद लिया है। अब तीनों बेटियां अनुपम, पवनदीप व प्रभदीप कौर 11वीं, 10वीं व चौथी कक्षा में पढ़ती हैं।