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बोलने से पहले लफ्ज गुलाम होते हैं : प्रकाश चंदर मुनि

जांस, लुधियाना : फव्वारा चौक स्थित जैन स्थानक सिविल लाइन में विराजमान संघ शास्ता गुरुदेव श्री सुदर्श

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 12:59 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 12:59 AM (IST)
बोलने से पहले लफ्ज गुलाम होते हैं : प्रकाश चंदर मुनि
बोलने से पहले लफ्ज गुलाम होते हैं : प्रकाश चंदर मुनि

जांस, लुधियाना : फव्वारा चौक स्थित जैन स्थानक सिविल लाइन में विराजमान संघ शास्ता गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के ज्येष्ठ सुशिष्य मषाधीश गुरुदेव प्रकाश चंदर मुनि जी महाराज आदि ठाणे 9 का बड़ा एतिहासिक चातुर्मास गतिशील है। वीरवार को गुरु देव अचल मुनि जी महाराज ने फरमाया कि संत का नगरी में आना भाग्य होता है, अगर आपके घरों में संत के चरण पड़ जाएं तो आप सौभाग्यशाली होंगे। संत आपको याद करें तो यह आपका परम भाग्य है और स्वयं संत बन जाना सौभाग्य है। जब हम गुरुओं के पास आते हैं 100 नंबर का पेपर होता है। 25 नंबर विधि सहित वंदना के, 25 नंबर प्रवचन श्रवण करने के, 25 नंबर साभामिक करने के, 25 नंबर आगे के लिए नियम प्रत्याख्यान के होते हैं। गुरुदेव जय मुनि जी महाराज ने प्रवचन करते हुए साभायिक के पाठ की ंव्याख्या की। बड़े गुरुदेव श्री प्रकाश चंदर मुनि महाराज ने फरमाया कि इंसान के बोलने से पहले लफ्ज गुलाम होते हैं, लेकिन बोलने के बाद इंसान अपने लफ्जों का गुलाम होते हैं। अत: हमें ऐसी वाणी नहीं बोलनी चाहिए, जिसे बोलने के बाद हमें बार-बार माफी मांगनी पड़े।


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