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लैब टेक्निशियनों ने बढ़ाया नोटबंदी से परेशान मरीजों का दर्द

फोटो: 129 -मांगों को लेकर शुरू की पेन डाउन स्ट्राइक, 10 दिसंबर तक नहीं करेंगे लैब टेस्ट -इमरजेंस

By Edited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 09:44 PM (IST)
लैब टेक्निशियनों ने बढ़ाया नोटबंदी से परेशान मरीजों का दर्द

फोटो: 129

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-मांगों को लेकर शुरू की पेन डाउन स्ट्राइक, 10 दिसंबर तक नहीं करेंगे लैब टेस्ट

-इमरजेंसी व लेबर रूम के टेस्ट ही होंगे

आशा मेहता, लुधियाना

नोटबंदी की मार से परेशान मरीजों के दर्द को सरकारी अस्पतालों की लैबोरेट्रीज में कार्यरत मेडिकल लैब टेक्निशियनों ने और बढ़ा दिया है। पे ग्रेड रिवाइज करने व मेडिकल लैबोटरी टेक्निशियन का नाम टेक्निकल ऑफिसर करने व पेशेंट केयर अनाउंस देने की मांग को लेकर लैब टेक्निशियनों ने सोमवार से पेन डाउन हड़ताल शुरू कर लैब टेस्ट बंद कर दिए। इस कारण सोमवार को ओपीडी में डॉक्टरों द्वारा लिखे 120 मरीजों के अलग अलग तरह के टेस्ट नहीं हो पाए। सिविल अस्पताल में यूरिन व ब्लड से संबंधित पचास तरह के टेस्ट बिलकुल फ्री होते हैं।

सोमवार को मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन लुधियाना के बैनर तले जिले के सरकारी सेहत संस्थाओं में कार्यरत करीब 65 लैब टेक्निशियनों ने पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी। एसोसिशन के प्रधान सुखविंदर सिंह, जिला वित्त सचिव जगदीश सिंह, जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार, लैब टेक्निशियन नरिंदर कौर, मनप्रीत कौर, मनप्रीत सिंह, गगन सिंह, रणजीत कौर, वरिंदर सिद्धू, राम रत्न, राजन, जसप्रीत कौर, तरणजीत कौर, राजकुमार, परमिंदर कौर, ज्योति शर्मा समेत अन्य लैब टेक्निशियनों ने कहा कि सरकार के खिलाफ उनकी पेन डाउन स्ट्राइक दस दिसंबर तक जारी रहेगी। इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो इसे बढ़ाया जाएगा।

-मरीजों का टेस्ट करने से किया इन्कार

हड़ताल के चलते सोमवार को पूरा दिन ओपीडी में आने वाले मरीजों के जरूरी टेस्ट नहीं हुए। ओपीडी में 480 मरीज आए, जिनमें से 120 मरीजों को डॉक्टरों ने अलग अलग तरह के टेस्ट लिखे थे, लेकिन लैब टेक्निशियनों ने पेन डाउन स्ट्राइक का हवाला देकर टेस्ट करने से इंकार कर दिया।

जरूरतमंद डिस्पेंसरी से दवा लेकर लौटे

टेस्ट न होने पर जिन मरीजों के पास बड़े नोट थे वह निजी लैबों से अपने टेस्ट करवा लाए, गरीब तबके के मरीज डिस्पेंसरी से दवा लेकर जांच करवाए बगैर ही घर लौट गए। इनमें से ज्यादातर मरीज बुजुर्ग व मजदूर वर्ग से संबंधित थे। इन मरीजों ने कहा कि नोटबंदी के बाद से उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह भर पेट खाना खा सकें। ऐसे में निजी लैबों में जाकर टेस्ट करवाने के बारे में तो वह सोच भी नहीं सकते। अब तो हड़ताल खत्म होने के बाद ही टेस्ट करवा पाएंगे।

केवल इमरजेंसी टेस्ट किए जा रहे

लैब टेक्निशियनों ने सोमवार को किसी भी तरह के रूटीन टेस्ट नहीं किए। इस दौरान केवल इमरजेंसी व लेबर रूम से आने वाले टेस्ट ही किए गए। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवतियों के किए जाने वाले यूरिन व ब्लड टेस्ट को भी लैब टैक्नीशियन ने करने से इन्कार कर दिया।

-डेंगू, चिकनगुनिया के टेस्ट भी नहीं किए

मेडिकल लैब टेक्निशियन एसोसिएशन लुधियाना के जिला वित्त सचिव जगदीश सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल की लैबोरटरी में डेंगू व चिकनगुनिया के टेस्ट भी नहीं किए गए और न ही आगे होंगे।

आज सिविल सर्जन कार्यालय में देंगे धरना

एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि वह मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय में धरना देंगे। धरने में जिले भर के मेडिकल लैब टेक्निशियन शामिल होंगे। पूरा दिन यहां सरकार के अड़ियल रवैये का विरोध जताया जाएगा।


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