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कॉपी..शॉर्ट सर्किट से लगी आग, 3 माह की बच्ची जिंदा जली

जासं, लुधियाना : दुगरी रोड स्थित एक घर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। घटना में एक तीन माह की मासूम जि

By Edited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 09:36 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 09:36 PM (IST)
कॉपी..शॉर्ट सर्किट से लगी आग, 3 माह की बच्ची जिंदा जली

जासं, लुधियाना : दुगरी रोड स्थित एक घर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। घटना में एक तीन माह की मासूम जिंदा जल गई। घर से धुआं निकलता देख लोग इकट्ठा हुए और फायर ब्रिगेड की को सूचित किया। लोगों का आरोप है कि सूचना के 40 मिनट तक फायर ब्रिगेड घटनास्थल पर नहीं पहुंची। लोगों ने कड़ी मशक्कत कर खुद ही आग पर काबू पाया। उधर, मौके पर पहुंची माडल टाउन पुलिस ने तीन माह की बच्ची अप्सरा के शव को कब्जे में लेकर अस्पताल पहुंचाया, जहां शाम को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।

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माता-पिता गए थे काम पर, बैड पर सो रही थी बच्ची

बच्ची की मां बबीता ने बताया कि उसके पति शेर बहादुर चौकीदारी करते हैं। उसके दो बेटे विशाल (6) व दीपक (3) हैं। बेटी अप्सरा तीन महीने की थी। बबीता ने बताया कि वह खुद भी लोगों के घरों में काम करती है। वह किराए की एक कोठी में रहते हैं, जहां और भी किरायेदार हैं। सोमवार सुबह पति काम पर चले गए और वह 11 बजे बेटी को सुलाकर पड़ोस के घर में काम करने के लिए चली गई। दोनों बेटे भी मोहल्ले में खेल रहे थे।

जब तक लोग इकट्ठा हुए भड़क गई थी आग

कमरे से धुआं निकलते देख मोहल्ले के लोग इकट्ठा हुए, लेकिन आग भड़क चुकी थी। लोगों ने उसे और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। इससे पहले लोगों ने अपने घरों से पाइप लगाकर आग पर काबू पाया। लोगों का आरोप था कि आग बुझने के 40 मिनट फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। उधर, सूचना थाना मॉडल टाउन की पुलिस मृतक के पिता शेर बहादुर के बयान पर धारा 174 के तहत कार्रवाई की है।

टीवी से हुआ शार्ट सर्किट

उक्त समय टीवी का स्विच लगा था और टीवी चल रहा था। क्योंकि दोनों बच्चे टीवी देख रहे थे, जिससे शार्ट सर्किट हुआ और ये हादसा हुआ। जब वह आग बुझने के बाद अंदर पहुंची तो उनकी बेटी बैड के साथ चिपकी हुई थी। वो बुरी तरह से जल चुकी थी।

एक बार सुनी आवाज

प्रत्यक्षदर्शी सुखविंदर सिंह ने बताया कि जब आग पर काबू पाया गया तो एक बार उन्होंने बच्ची के चीखने की आवाज सुनी। इसके बाद उसकी आवाज नहीं आई। जब आग बुझने के बाद पुलिस बच्ची को ढूंढने लगी तो पहले उन्हें मलबे में बच्ची नजर नहीं आई। जब मिली तो वो काली हो चुकी थी।

पहले लगा तीनों बच्चे थे अंदर

बबीता ने बताया कि जब उसने आग लगी देखी तो उसे लगा कि तीनों बच्चे अंदर है। क्योंकि जब वो काम पर गई तो दोनों बेटे भी अंदर थे। लेकिन बाद में पता चला कि दोनों बच्चे पड़ोसी के घर खेल रहे थे।

अंदर तड़प रही बच्ची, बाहर बिलखती रही मां

आग लगने का पता चला तो लोग पानी लेकर आग पर काबू पाने लगे। लेकिन मां बबीता बार-बार आग लगे कमरे के अंदर जाने की जिद कर रही थी। लेकिन महिलाओं ने उसे पकड़ रखा था, मगर उस मां सिवाए बिलखने के कुछ नहीं कर पा रही थी। जब पुलिस ने शव बाहर निकाला तो बबीता बेसुध होकर जमीन पर गिर गई। जिसे परिजनों ने संभाला।

कोट्स

जब कंट्रोल रूम पर कॉल आया तभी फायर ब्रिगेड की गाड़ी निकल गई थी। लेकिन रास्ते में भीड़ होने की वजह से टाइम लग गया। क्योंकि जगरांव पुल बंद होने के कारण देरी हुई है।

बीएस संधू, डीएफओ


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