सांसद बिंट्टू बोले, छोड़ो एसआइटी दरिंदों को भेजो जेल
अरविंद श्रीवास्तव, लुधियाना 15 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच के लिए
अरविंद श्रीवास्तव, लुधियाना
15 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच के लिए एसीपी हेडक्वार्टर गुरपाल कौर की अगुआई में तीन सदस्यीय एसआइटी गठित कर दी गई है, जिसमें एसएचओ शिमलापुरी संजीव कपूर और वूमेन सेल इंचार्ज सतनाम कौर को शामिल किया गया है। एसआइटी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि आरोपियों की तरफ से उनको समझौते के लिए धमकियां आ रही हैं, लेकिन पुलिस उनको गिरफ्तार नहीं कर रही है। अकाली दल का एक वरिष्ठ पार्षद आरोपियों का खुला समर्थन कर रहा है। कभी पुलिस के सीनियर अफसरों से तो कभी वो सिविल अस्पताल के डाक्टरों पर दबाव बना रहा है। कांग्रेस ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को मुद्दा बनाकर अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। सांसद व कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिंट्टू ने एसआइटी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस अकाली दल के नेताओं के दबाव में काम कर रही है। सिविल अस्पताल में 16 जून को हुए मिसकैरेज से नाबालिग से दुष्कर्म की जब पुष्टि हो गई है, तो आरोपियों को क्यों संरक्षण दिया जा रहा है? यह पहली बार हो रहा कि किसी पीड़िता को उसके साथ दुष्कर्म हो जाने के बाद भी सच्चाई साबित करने के लिए तीन महीने से लगातार परीक्षा देनी पड़ रही है। बदमाशों का डीएनए सैंपल लेना और एसआइटी गठित करने के पीछे का मकसद किया से भी छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि दो दिनों के भीतर अगर आरोपियों को गिरफ्तार कर संरक्षण देने वाले अकाली दल के पार्षद के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के आगे धरना-प्रदर्शन करेगी। जरूरत पड़ी तो सीएम प्रकाश सिंह बादल के आवास का घेराव भी किया जाएगा।
विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल के उपनेता भारतभूषण आशु ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। अकाली दल का एक पार्षद नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को खुला संरक्षण दे रहा है, उस पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस उसके हुकम की पालना कर रही है। आशु ने कहा कि कांग्रेस का हरेक वर्कर सांसद बिंट्टू के साथ एकजुट होकर दो दिनों के बाद कमिश्नर दफ्तर पर धरना देगा। यह मामला सीधे तौर पर कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। वह इस मसले को विधानसभा में भी उठाएंगे।
यह है मामला
गौर हो कि तीन अप्रैल की रात बेहड़े में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने तीन दोस्तों को साथ नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। शिमलापुरी थाने की पुलिस ने आठ अप्रैल पर्चा तो जरूर दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। एक आरोपी को तीन दिन हवालात में रखने के बाद अकाली दल के एक पार्षद के दबाव में शिमलापुरी पुलिस ने उसे छोड़ दिया। लड़की का आरोप है कि तीन दिन दिनों तक थाने में रहा। हालांकि पहले दिन से मामले में समझौैता करने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन थाने में समझौते के लिए उसकी कीमत लगाई गई। पहले दिन पांच हजार, दूसरे दिन दस हजार और तीसरे दिन 25 हजार रुपये लेकर समझौते की पेशकश की गई, लेकिन वह कार्रवाई पर अड़ी रही। थाने में कहा गया कि तुम किसी पर भी दुष्कर्म का इलजाम लगा दो तो उसे पुलिस जेल भेज देगी। वह रोती रही। गिड़गिड़ाती रही, लेकिन पुलिस ने एक भी नहीं सुनी। उसे और उसकी मां को थाने से भगा दिया गया। कहा गया कि अगर थाने से नहीं गई तो उलटा तुम दोनों पर पर्चा कर जेल भेज दिया जाएगा। हालांकि एडीसीपी टू इन सभी इलजामों को सिरे से खारिज कर चुके हैं।
जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई-संदीप गर्ग
एडीसीपी टू संदीप गर्ग ने कहा कि मामले की जांच के लिए एसीपी हेडक्वार्टर गुरपाल कौर की अगवाई में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई होगी।