सीलिएक रोग को लेकर जागरूकता जरूरी : डॉ.पुनीश
जागरण संवाददाता, लुधियाना : सीलिएक रोग को लेकर अभी भी ज्यादातर लोग जागरूक नहीं हैं जबकि इस रोग के
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
सीलिएक रोग को लेकर अभी भी ज्यादातर लोग जागरूक नहीं हैं जबकि इस रोग के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी होना जरूरी है। यह एक स्थायी रोग है। आंतों में सूजन व पाचन से संबंधित यह रोग एक साल की उम्र में लग जाता है और इलाज न करवाने पर पूरी जिंदगी शरीर को रोग ग्रस्त बना कर रखता है। यह कहना है दीपक अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स डॉ. पुनीश सग्गड़ का। वीरवार को अस्पताल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. पुनीश ने बताया कि उनके पास ऐसे बहुत से बच्चे आ रहे है, जिन्हें सीलिएक रोग है। हालांकि इन बच्चों के अभिभावकों को इस रोग के बारे में काफी देरी से पता चला। इस बीमारी के लक्षणों के बारे में अभिभावक अंजान थे। डॉ. सग्गड़ ने बताया कि सीलिएक रोग ग्लूटन प्रोटीन वाला भोजन खाने से होता है। इस रोग के लक्षणों में दस्त, पेट दर्द, उल्टी, शरीर का विकास न होना, कब्ज, वजन कम होना, भूख न लगना, कमजोरी, लीवर की बीमारियां, हड्डी की बीमारी, मुंह में छाले, खून की कमी, शरीर में दाने होना शामिल है। अगर परिवार में किसी को सीलिएक रोग हो तो दूसरे पारिवारिक सदस्यों को भी इस रोग के होने की संभावना रहती है। उनका कहना था कि अगर किसी भी बच्चे में यह लक्षण नजर आए तो तुरंत किसी अच्छे शिशु रोग विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए। विशेषज्ञ एंटी टीटीजी टेस्ट व इंडोस्कोपी के जरिए बीमारी की अवस्था का पता लगाकर समय पर इलाज शुरू कर दे तो बच्चे को बीमारी के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस रोग में आटा, ब्रेड, मिठाई, सूजी, केक, ओटस से बने खाद्य पदार्थ खाने की मनाही होती है। जबकि, चावल, बेसन, दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थ, दाले, इडली, सांबर, आलू, चाय, कॉफी, जैम, शहद से बने खाद्य पदार्थ खाए जा सकते हैं।