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जिन्हें छुड़ाने आए वे घर पहुंचे, खुद हो गए जलमग्न

जासं, लुधियाना पवन घर में ही होलसेल कपड़े का काम करता था। मूल रूप से फाजिल्का निवासी मां-बाप का इक

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 02:03 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 02:03 AM (IST)
जिन्हें छुड़ाने आए वे घर पहुंचे, खुद हो गए जलमग्न

जासं, लुधियाना

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पवन घर में ही होलसेल कपड़े का काम करता था। मूल रूप से फाजिल्का निवासी मां-बाप का इकलौता बेटा जयंत रिशी उसके साथ ही काम करता था। जयंत पवन का भांजा था। चंडीगढ़ निवासी राम पाल तथा प्रमोद कुमार के साथ दोनों के कारोबारी संबंध थे। चेक बाउंसिंग मामले में थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस ने दोनो के खिलाफ केस दर्ज किया और चंडीगढ़ में रेड करके दोनो को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पैरवी करने के लिए पवन व जयंत अपने दोस्तों प्रभजोत व राम को साथ लेकर लुधियाना पहुंचे थे। वे लोग चार बजे पवन की अर्टिगा कार में चंडीगढ़ से निकले थे।

थाने से फॉरिग होकर चारों मॉडल टाउन गोल मार्केट स्थित रेस्टोरेंट में खाना खाने चले गए। खाना खाने के बाद 11.30 बजे वे लोग चंडीगढ़ के लिए सिधवा नहर के साथ वाले एक्सप्रेस-वे से निकले। करीब 12.10 बजे पवन ने अपनी पत्नी पूजा शर्मा को फोन करके बताया कि वे लोग चल पड़े हैं, दो घंटे में घर पहुंचेंगे। उसने साथ ही साफ कर दिया कि उसके मोबाइल की बैटरी खत्म हो रही है। जयंत व प्रभजोत के फोन पहले ही बंद हो चुके थे। कुछ देर बाद सभी फोन बंद आने लगे। परिवार को लगा कि बैटरी की वजह से ऐसा हुआ होगा। पंकज ने भरे हुए गले से कहा कि जिन लोगों को छुड़ाने के लिए वो चारों आए थे। वो दस दिन बाद जमानत करा घर पहुंच गए। मगर वे चारों जलमग्न हो गए।

नहीं था अवरोधक या चेतावनी बोर्ड

केडीएस नागरा ने आरोप लगाया कि दोराहा में निर्माणाधीन पुल की एक साइड का आधा हिस्सा तैयार है, मगर नहर पर पुल को दोनों तरह से जोड़ा नहीं गया है। लुधियाना की तरफ से आने वाले ट्रैफिक के लिए वहां कोई चेतावनी या अवरोधक नहीं है। चारों लोग पहली बार उस रोड से आए थे। बोर्ड न होने के कारण उनकी कार उस पुल पर चढ़ गई। धुंध व अंधेरा होने के कारण पुल के खत्म होते ही कार नीचे जा गिरी। पंकज शर्मा तथा केडीएस नागरा ने मांग की है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया जाए। जिनकी गलती की वजह से चार कीमती जानें चली गईं।

गुड्डू की पूरी न हो सकी तमन्ना

पंकज शर्मा ने बताया कि 10+2 की छात्रा पवन की बेटी तमन्ना उर्फ गुड्डू के स्कूल में कुछ दिन बाद फेयरवेल पार्टी थी। रात जिस समय पवन ने पत्नी पूजा के साथ बात की तो उसी समय मां से फोन लेकर तमन्ना ने कहा कि वह पापा से नाराज है। पूछने पर उसने कहा कि फेयरवेल के लिए पवन ने उसे शॉपिंग नहीं करा कर दी। जिस पर पवन ने बेटी को प्यार से कहा कि बेटा कल का सारा दिन वह उसके साथ रहेगा। जितना मन चाहे शॉपिंग कर लेना। मगर गुड्डू की तमन्ना पूरी न हो सकी। काल ने उसके पापा को अपना ग्रास बना लिया।

शादीशुदा पवन के दो बच्चे बेटा मानव (17) तथा बेटी तमन्ना उर्फ गुड्डू (18) हैं। जयंत अभी कुंवारा था। दो भाइयों में छोटा प्रभजोत नागरा (23) होटल मैनेजमेंट में अंतिम वर्ष का छात्र था। उसके पिता केडीएस नागरा स्पोर्ट्स अथार्रिटी ऑफ इंडिया के रिटायर्ड अधिकारी हैं। मूल रूप से ऊना (हिमाचल प्रदेश) निवासी राम चौधरी (32) कुंवारा था। वह पिछले सात साल से चंडीगढ़ में रह रहा था और बाउंसर का काम करता था।


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