चुपके से लुधियाना पहुंची सीएफएसएल की टीम
जासं, लुधियाना शिवसेना पंजाब के राष्ट्रीय प्रधान अमित अरोड़ा पर हुई फाय¨रग मामले में शुक्रवार सीएफ
जासं, लुधियाना
शिवसेना पंजाब के राष्ट्रीय प्रधान अमित अरोड़ा पर हुई फाय¨रग मामले में शुक्रवार सीएफएसएल (सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लाइबोरोटरी) की टीम दबे पांव लुधियाना पहुंची। इसकी जानकारी पुलिस के उच्चाधिकारियों व संबंधित थाने की पुलिस को थी। टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया और कुछ सबूत इकट्ठा किए। हालांकि वो सबूत क्या थे और किस तरह के इसके बारे मे पता अधिकारियों को भी नहीं था। वहीं, सत्रों का कहना है कि पिछले दिनों किदवई नगर में आरएसएस के वर्कर और शिवसेना के राष्ट्रीय प्रधान दोनों पर गोली एक ही पिस्तौल से चली है। लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
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घटनास्थल खंगालती रही टीम
सूत्रों के मुताबिक दोपहर करीब 12 बजे सीएफएसएल की टीम के चार से पांच सदस्य लुधियाना पहुंचे। उच्चाधिकारी को साथ लेकर वह बस्ती जोधेवाल के नजदीक उक्त जगह पर गए। जहां बुधवार रात शिवसेना राष्ट्रीय प्रधान अमित अरोड़ा पर फाय¨रग हुई थी। उक्त जगह के कूड़े-कर्कट, बिजली के पोल समेत हर उस जगह को खंगाला गया, जहां उन्हें शक था। टीम ने घटनास्थल से ऐसे सबूत इकट्ठा किए, जोकि इस मामले को सॉल्व करने के लिए बहुत अहम साबित होंगे। इसके साथ टीम ने उक्त कार का भी मुआयना किया, जिसमें शिवसेना नेता बैठा था, जब वारदात हुई।
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दोनों मामलों में एक पिस्तौल का हुआ इस्तेमाल
सूत्र बताते है कि करीब 20 दिन पहले आरएसएस वर्कर नरेश कुमार पर शाखा के दौरान दो अज्ञात लोगों ने फाय¨रग की थी। जोकि बिना नंबर के मोटरसाइकिल पर थे और 9 एमएम पिस्तौल से फायर किया गया था। अब शिवसेना नेता के मामले में भी वैसे ही सबकुछ हुआ। बिना नंबर प्लेट के मोटरसाइकिल पर दो युवक आए और 9 एमएम की पिस्तौल से ही फाय¨रग की। पुलिस सत्रों की माने तो ये दोनों मामलों में एक ही शख्स का हाथ है और दोनों मामले एक जैसी ही है। सूत्र बताते है कि इस मामले के संबंध में शुक्रवार को ¨हदू संगठन पुलिस कमिश्नर से मिले है।
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बंद हो चुकी है 9 एमएम पिस्तौल
सूत्र बताते है कि काफी साल पहले 9 एमएम पिस्तौल को बैन कर दिया गया है। ये पुलिस मुलाजिम या फिर उक्त लोगों के पास है जोकि काफी साल पहले इसका इस्तेमाल करते थे। इसलिए ये 9 एमएम पिस्तौल की गोली पुलिस के नाक में दम कर रखा है।
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सोशल वेबसाइट पर ¨हदू संगठनों ने किया विरोध
उधर, रोज-दर-रोज ¨हदू संगठनों पर हो रहे जानलेवा हमलों को आतंकवादी अटैक बताकर सोशल मीडिया (फेसबुक व व्टसएप) पर इस बात का विरोध जता रहे है।
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