डीएएमसी का तालमेल करेगा अभिभावकों की चिंता दूर
राधिका कपूर, लुधियाना सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को अधिसूचना जारी की गई है, जिसके तहत राइट टू एजू
राधिका कपूर, लुधियाना
सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को अधिसूचना जारी की गई है, जिसके तहत राइट टू एजूकेशन में डिस्ट्रिक्ट एडमिशन मॉनीटरिंग कमेटी (डीएएमसी) के अहम रोल निभाने की बात कही गई है। आमतौर पर देखा जाता है कि स्कूलों के मनमानी के खिलाफ अभिभावक अक्सर परेशान दिखते हैं। पंजाब सरकार ने बच्चों के निश्शुल्क और जरूरी शिक्षा के तहत अधिसूचना जारी कर इसे लागू करने की बात कही है।
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क्या है अधिसूचना
अधिसूचना में कहा गया है कि हर जिले में डीएएमसी होनी चाहिए। उपायुक्त इसके चेयरमैन हो सकते हैं। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्राइमरी, लीगल एसिसटेंट (आरटीई), नगर निगम का एक प्रतिनिधि डीएएमसी का सदस्य हो सकता है। दूसरा यदि कोई अभिभावक स्कूल के खिलाफ कार्रवाई है, तो इसके लिए लिखित शिकायत उन्हें डीएएमसी के चेयरमैन को लिखित में दे सकता है। तीसरा डीएएमसी को एक रजिस्टर व डाटा रखना होगा और उस पर कार्रवाई करनी होगी। यह सारी सूचना शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध करानी होगी। चौथा डीएएमसी को कलस्टर व जोन अनुसार निश्शुल्क सीटों का आंकड़ा तैयार करना होगा। इसी के साथ अधिसूचना के तहत डीएएमसी किसी भी स्कूल से कभी भी कोई सूचना मंगवा सकता है।
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हेल्प डेस्क का किया जाए गठन
डीएएमसी को हर जिले में एक हेल्प डेस्क का गठन करना चाहिए, ताकि अभिभावकों को जरूरतमंद सेक्शन के दाखिले संबंधी मदद मिल सके। हेल्प डेस्क में दो कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किए जाने चाहिए, जोकि ऑफिस समय तक काम करेंगे। जब तक दाखिले का कार्य खत्म नहीं हो जाता, तब तक हेल्प डेस्क कार्यरत रहेगा।
इस बारे में डीईओ सेकेंडरी परमजीत कौर चाहल का कहना है कि अधिसूचना उनके पास पहुंच चुकी है। सरकार का यह अच्छा प्रयास है। इसके जरिए अब आरटीई के तहत बच्चों का स्कूलों में दाखिला हो सकेगा। समय-समय पर टीमें इसके लिए चेकिंग भी करती रहेंगी।