ठेकों की नीलामी से सात अरब 64 करोड़ मिले
जागरण संवाददाता, लुधियाना : जिले के देसी और अंग्रेजी शराब के 744 ठेकों की वर्ष 2015-16 के लिए 764 कर
जागरण संवाददाता, लुधियाना : जिले के देसी और अंग्रेजी शराब के 744 ठेकों की वर्ष 2015-16 के लिए 764 करोड़ 44 लाख 46 हजार 505 रुपये में नीलामी हुई। इससे सरका को पिछले साल के मुकाबले 53 करोड़ 39 लाख 21 हजार 322 रुपये (7.51फीसद) ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ। फिरोजपुर रोड स्थित हर्शीला रिसोर्ट में डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल की अगुआई में नीलामी हुई। इसमें लुधियाना नगर निगम के अंतर्गत आने वाले ठेकों की नीलामी 504 करोड़ 8 लाख 93 हजार 745 रुपये में हुई। इसमें लुधियान-1 के ठेकों की 106 करोड़ 88 लाख 81 हजार 215 रुपये, लुधियाना-2 के ठेकों की 91 करोड़ 80 लाख 70 हजार 660 रुपये और लुधियाना-3 के ठेकों की नीलामी 61 करोड़ 66 लाख 885 रुपये में हुई। ज्ञात हो कि वर्ष 2014 -15 में 711 करोड़ 5 लाख 25 हजार 183 रुपये में नीलामी हुई थी। इस बार 7.51 प्रतिशत की बढ़ोतरी से 764 करोड़ 44 लाख 46 हजार 505 रुपये का राजस्व मिला। डीसी रजत अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2015-16 के लिए लुधियाना जिले में कुल 744 अंग्रेजी और देसी ठेके हैं। देसी शराब का 1 करोड़ 85 लाख 15 हजार 245 प्रूफ लीटर और अंग्रेजी शराब का कोटा 1 करोड़ 9 लाख 33 हजार 102 प्रूफ लीटर है। जबकि बीयर का कोटा 67 लाख 55 हजार 901 बल्क लीटर है। जिले में ठेकों की नीलामी के लिए कुल 8056 आवेदन प्राप्त हुए थे। इससे कुल 58 करोड़ 40 लाख 15 हजार रुपये आवेदन फीस प्राप्त हुई। यह पिछले साल से 2 करोड़ 90 लाख 5 हजार रुपये (5.21 प्रतिशत) अधिक है। पिछले साल 10 हजार 399 आवेदनों से 55 करोड़ 50 लाख 10 हजार रुपये मिले थे। इस मौके पर वित्त कमिश्नर डीपी रेड्डी, डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल, सहायक कर व आबकारी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों, सहायक कर व आबकारी कमिश्नर अमृत कौर गिल, एईटीसी रणधीर कौर, टीबी एस सिद्धू, राजविंदर कौर, एचपीएस घोतड़ा, परमिंदर सिंह, हरदीप सिंह मौजूद थे।
--सात बड़े ठेकों का वर्चस्व
नीलामी में सात बड़े शराब ठेकेदारों का वर्चस्व रहा। इनमें मल्होत्रा ग्रुप को 3, टीटू छाबड़ा को 1, ढिल्लों ग्रुप को 2, चढ्डा ग्रुप को 1, सिंगला वाइन कंपनी को 1, अरविंद सिंगला को 2, सतनाम सिंह शिवलाल ग्रुप को 1 एक जोन मिला। इस ग्रुप को 11 जोनों में सफलता मिली। सूत्रों के मुताबिक इस ग्रुप ने 3700 आवेदन पर्चियां भरी थीं। इसके अलावा बाकी नौ जोन में पागला एंड सिद्धू ग्रुप को 3, गरचा एंड जीपी को 3, चन्नी बजाज को 2 और बरनाला को 1 जोन मिला। इसके साथ ही देहाती में भी सिंडीकेट ग्रुप का कब्जा रहा।