पंजाब..मासूमों की मौत पर जमकर हुई सियासत
- बैंस ने कहा, विधानसभा में उठाएंगे मामला - कांग्रेस ने आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की - 'आप
- बैंस ने कहा, विधानसभा में उठाएंगे मामला
- कांग्रेस ने आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की
- 'आप' ने मांगा सेहत मंत्री का इस्तीफा
- शिअद ने कहा, सीएम के समक्ष रखेंगे मामला
-अस्पताल में नहीं पहुंचा भाजपा का कोई नेता
अरविंद श्रीवास्तव, लुधियाना
सिविल अस्पताल में रविवार को डिलीवरी के दौरान हुई पांच मासूमों की मौत के बाद महानगर में जमकर सियासत हुई। हालांकि, पीड़ित परिवारों की रविवार को ही अस्पताल से ही छुंट्टी कर गई थी, फिर भी पीड़ितों के पक्ष में आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व शिरोमणि अकाली दल के नेताओं के अलावा आजाद विधायक सिमरजीत सिंह बैंस सिविल अस्पताल पहुंचे। सभी ने अपने-अपने अंदाज में बात रखी।
सबसे पहले जिला कांग्रेस शहरी प्रधान गुरप्रीत गोगी व महिला कांग्रेस नेता लीना टपारिया सहित कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने सिविल अस्पताल में डेरा जमा दिया। इन नेताओं ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कई चक्रों में नारेबाजी, प्रदर्शन और डाक्टरों का अस्पताल में घेराव भी किया। कांग्रेस के विधायक सुरिंदर डावर और भारत भूषण आशु भी अपने वर्करों का उत्साह बढ़ाने के लिए अस्पताल पहुंच गए। आशु ने तो पांच मासूमों की मौतों को बेहद संगीन अपराध करार देते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग तक कर डाली।
इसके बाद आजाद विधायक सिमरजीत सिंह बैंस समर्थकों के साथ सिविल अस्पताल पहुंच गए। बैंस ने समर्थकों के साथ वार्ड का दौरा किया। साथ ही, उन्होंने अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले की गहनता से जांच करने को भी कहा। बैंस ने पूरे मामले को विधानसभा में उठाने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने का भी दावा किया।
इस बीच शिरोमणि अकाली दल के शहरी प्रधान हरभजन सिंह डंग, शिअद विधायक रंजीत सिंह ढिल्लों और गुरिंदर पाल सिंह पप्पू सहित कई अकाली नेता भी अस्पताल में पहुंच गए। इन नेताओं ने सेहत अधिकारियों से बातचीत कर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए और अस्पताल में भर्ती मरीजों का दुख दर्द भी सुना। अकाली नेताओं ने मामले को सीएम प्रकाश सिंह बादल के समक्ष उठाने, पीड़ित परिवारों को राहत दिलाने और आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाने की बात कही।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सेहत मंत्री सुरजीत ज्याणी व मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू का इस्तीफा तक मांग डाला।
'आप' के जिला कन्वीनर अहिताब सिंह ग्रेवाल व अन्य नेताओं ने आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग भी की।
इधर, हालात जो भी रहे हों, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता अस्पताल तक नहीं पहुंचा। सेहत मंत्री सुरजीत ज्याणी को सिविल अस्पताल में आना तो जरूर था, पर वहां बिगड़े हुए माहौल और सुबह से चल रहे विपक्षी दलों के धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी की वजह से उन्होंने सिविल अस्पताल आने का कार्यक्रम रद कर दिया। यही नहीं, उन्होंने सर्किट हाउस में चुनिंदा डॉक्टरों के साथ बैठक करने के बाद मीडिया से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तक ही खुद को सीमित रखा।