पंजाब.. डीसी सात दिन में देंगे रिपोर्ट : ज्याणी
कहा, डॉ. अल्का की लापरवाही आ रही सामने मंत्री ने माना, पूरे संसाधनों के बिना मदर एंड चाइल्ड अस्पत
कहा, डॉ. अल्का की लापरवाही आ रही सामने
मंत्री ने माना, पूरे संसाधनों के बिना मदर एंड चाइल्ड अस्पताल का उद्घाटन किया
सुनील जैन, लुधियाना
सिविल अस्पताल में गत दिवस हुई पांच और सोमवार को एक बच्चे की मौत के बाद जब मामला पूरे मीडिया में उठा तो सेहत मंत्री सुरजीत ज्याणी लुधियाना पहुंचे। उन्होंने सिविल अस्पताल में जाकर मरीजों का हालचाल लेने के बजाय सर्किट हाउस में ही पत्रकारों से बातचीत की।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि डॉ. अल्का की लापरवाही सामने आ रही है। इसके अलावा आशा वर्कर और संबंधित नर्सो की लापरवाही सहित हर मुद्दे पर डीसी रजत अग्रवाल जांच करके एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे।
मंत्री ने खुद माना कि पूरे संसाधनों के बिना मदर एंड चाइल्ड अस्पताल का उद्घाटन कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ ही दिनों में अस्पताल के अंदर सभी तरह की मशीनरी और स्टाफ भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा। जांच में सरकार की तरफ से लापरवाही पाए जाने पर उस माता को एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा, जिसके बच्चे की मौत सरकारी तौर पर लापरवाही से हुई होगी।
ज्याणी ने दलील दी कि पंजाब के सरकारी अस्पतालों में 53 फीसद डिलीवरी होती है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। उन्होंने दावा किया कि हम जच्चा को घर से लाते हैं और बच्चे को जन्म देने के बाद उसे घर तक छोड़ कर आते हैं। उन्होंने सिविल अस्पतालों में जच्चा और बच्चा को आर्थिक सहायता के साथ-साथ दवाएं तक निश्शुल्क दिए जाने की वकालत की।
'आज हमारी इज्जत बचा दो'
इस दौरान ज्याणी ने पत्रकारों के सामने गिड़गिड़ाना शुरूकर दिया कि मीडिया ने उनकी सरकार को पूरे देश में बदनाम कर दिया है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह आज उनकी इज्जत बचा दे।
मंत्री के दावे हवा में उड़ जाते अगर..
सेहत मंत्री सुरजीत ज्याणी अगर सिविल अस्पताल जाते और वहां मौजूद मरीजों के परिजनों से मिल कर उन्हें बच्चे के जन्म से पहले और बाद में क्या-क्या मुश्किलें आती है, का पता करते तो यह सभी बातें खुद ही झूठी साबित हो जाती, जो मंत्री कह रहे थे कि लोगों को ये सुविधाएं दी जा रही हैं।
सेहत निदेशक ने मीडिया को समझाए आंकड़े
सेहत निदेशक जतिंदर कौर ने आंकड़ों का खेल खेलते हुए मीडिया को समझाने का प्रयास किया कि पांच बच्चों की मौत के मामले में सिविल अस्पताल प्रबंधन की कोई खास गलती नहीं है। उन्होंने सेहत मंत्री के सामने माना कि एक बच्चे को बचाया जा सकता था, जबकि इससे करीब दो घंटे पहले सिविल अस्पताल में दो बच्चों को बचाने की बात भी इसी सेहत निदेशक ने कही थी।
मौत तो हमारे हाथ में नहीं है : ज्याणी
सेहत मंत्री ज्याणी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए सबसे सबसे पहले कहा कि उन्हें सिविल अस्पताल में हुई पांच बच्चों की मौत का सबसे अधिक दुख है और वह पीड़ित परिवारों के दुख में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मौत तो हमारे हाथ में नहीं, लेकिन डाक्टरों को यही प्रयास करना चाहिए कि जो बच सके, उसे बचाया जाना चाहिए। मंत्री ने माना कि इस मामले में लापरवाही सामने आ रही है, जिसकी जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।