रोशनियों से जगमग हुआ देवी दिवाला मंदिर
जासं, खन्ना दीवाली पर जहां लोगों ने अपने घर सजाए थे, वहीं धार्मिक स्थलों पर भी विभिन्न प्रकार की र
जासं, खन्ना
दीवाली पर जहां लोगों ने अपने घर सजाए थे, वहीं धार्मिक स्थलों पर भी विभिन्न प्रकार की रोशनियां लगी हुई थीं।
देवी दिवाला मंदिर की रोशनियां आकर्षण का केंद्र रहीं। माता के नवनिर्मित बाहरी भवन को सुंदर ढंग से सजाया गया था, जिसकी अद्भुत छठा देखते ही बनती थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दीपक (दीये) जलाने पहुंचे। दीपक की महिमा के बारे पंडित हरी शरण ने बताया कि सनातन धर्म में अग्निहोत्री के कार्य को अनिवार्य माना गया है। यज्ञ का ही रूप ज्योति या दीपक जगाना है। दीपक जगाकर पूजा करने से समस्त देवी देवता प्रसन्न होते है और यह सुख समृद्धि का प्रतीक है। श्रीराम के अयोध्या वापस आने पर भी लोगों ने दीपमालाएं की थीं। शुक्रवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकम पर मंदिर में सोहन लाल की देखरेख में गोवर्धन पूजा की गई। जिसमें श्रद्धालुओं ने गोबर से गिरधारी कृष्ण की प्रतिमा बनाकर नाना विधि से पूजा अर्चना की और भजन कीर्तन के साथ परिक्रमा की। अन्नकूट तैयार किया गया और भगवान को छपन्न प्रकार के भोग लगवाए गए। इस मौके पर अरुण भारद्वाज, विजय लूंबा, बालकृष्ण गुप्ता, तुलसीदास वर्मा, देवकृष्ण ढड, अजीत शर्मा, डॉ. प्रवेश जैन, डॉ. रोजी जैन, राजवंत कौर, विमल जैन, हरमिंदर सिंह, जतिंदरजीत सिंह, दर्शना रानी, मंजू, सविता, नेहा, राकेश सेठ व चंद्रमणि शर्मा आदि मौजूद थे।