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हाईड्रोफोबिया से युवक की मौत, अभी भी निगम नींद में

आशा मेहता, लुधियाना : हाईड्रोफोबिया (रेबीज) ने आखिरकार रोहित को मौत की नींद सुला दिया। वीरवार सुबह र

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 08:59 PM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 08:59 PM (IST)
हाईड्रोफोबिया से युवक की मौत, अभी भी निगम नींद में

आशा मेहता, लुधियाना : हाईड्रोफोबिया (रेबीज) ने आखिरकार रोहित को मौत की नींद सुला दिया। वीरवार सुबह रोहित की मौत हो गई और जो परिजन बुधवार सुबह उसे तड़पता छोड़ गए थे, वे मौत के बाद उसका शव लेकर गुपचुप तरीके से चलते बने। जिले में रेबीज से मौत होने का मामला सामने आने के बाद भी वीरवार को न तो नगर निगम हरकत में आया और न ही स्थानीय प्रशासन। लिहाजा काली सड़क के जिस इलाके में रोहित व उसका परिवार रहता था वहां दूसरे लोगों को भी रेबीज होने का खतरा है। वेटरनरी विशेषज्ञों के मुताबिक रेबीज से प्रभावित व्यक्ति जिन लोगों के साथ रहता है, उन्हें भी रेबीज हो सकता है।

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रोहित सिविल अस्पताल के मेल वार्ड के अननाउन वार्ड में भर्ती था। जहां वह बुधवार को पूरा दिन व रातभर चिल्लाता रहा, लेकिन वीरवार सुबह जब उसके चिल्लाने की आवाज बंद हो गई तो फोर्थ क्लास कर्मचारी ने वार्ड में जाकर देखा कि वह दम तोड़ चुका था। स्टाफ ने इसकी सूचना थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस को दी। पुलिस ने रोहित के परिजनों का ढूंढा व उसकी मौत के बारे में बताया। करीब आठ बजे रोहित के परिजन व रिश्तेदार अस्पताल से उसका शव ले गए। स्टाफ के मुताबिक परिजन रोहित के अंतिम संस्कार के लिए लखनऊ जाने की बात कर रहे थे।

अब भी हरकत में नहीं आया नगर निगम

निगम के सीनियर वेटरनरी अधिकारी वाईपी सिंह के अनुसार करीब दस साल पहले लुधियाना में रेबीज से मौत होने का मामला सामने आया था। वह मानते हैं कि रेबीज से युवक की मौत होना गंभीर मामला है, लेकिन जब उनसे इस गंभीर मसले के समाधान के बारे में पूछा गया तो वे कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए। उधर, नगर निगम के मेयर हरचरण सिंह गोहलवड़िया व एडीसी सुप्रीत गुलाटी से इस मसले पर बात करने के लिए उन्हें किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

रेबीज प्रभावित कुत्ते के छूने मात्र से हो सकती है बीमारी

वेटरनरी अधिकारी डॉ. हरबंस सिंह ढल्ला के मुताबिक रेबीज से प्रभावित कुत्ता अगर किसी व्यक्ति को काटना तो दूर, उसे छू भी ले तो रेबीज होने का खतरा रहता है। रेबीज ग्रस्त कुत्ते की लार से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में जब भी कोई व्यक्ति आता है, तो लार में मौजूद घातक विषाणु व्यक्ति के नाक व मुंह के जरिये शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर रेबीज प्रभावित कुत्ते ने किसी व्यक्ति को गर्दन व मुंह पर काटा हो, तो उसे एंटी रेबीज वैक्सीन के साथ एंटी रेबीज सीरम भी लगवाना अति आवश्यक है।

-कहीं आपके इलाके में तो नहीं घूम रहा रेबीज से प्रभावित कुत्ता

-रेबीज ग्रस्त कुत्ते के मुंह के नीचे वाला जवाड़ा हमेशा लटका रहता है।

-जब कुत्ता भौंकता है तो उसकी आवाज अजीब तरह की होगी।

- मुंह से लार व झाग निकलती रहती है।

-रेबीज से प्रभावित कुत्ता हवा में भौंकता रहता है और सख्त चीजों को काटने के दौड़ता है।

-अंधेरी जगहों पर छुपकर बैठा रहता है।

-कुत्ते के पीछे वाले दोनों टांगों पर अधरंग हो सकता है और सही तरह चलने फिरने में असमर्थ है।

-चूहा, नेवला, गिलहरी व बिल्ली के काटने से भी हो सकता है रेबीज

डॉ. हरबंस सिंह ढल्ला के मुताबिक रेबीज के बारे में लोगों को बस इतना ही पता है कि कुत्ते के काटने से होता है। जबकि ये जानलेवा रोग कुत्ते के साथ-साथ चूहा, नेवला, चमगादड़, गिलहरी, बंदर व बिल्ली के काटने से भी हो सकता है। इनमें से कोई भी जानवर अगर काट ले, तो इसे हलके में न लेकर चौबीस घंटे के भीतर रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगवाएं।


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