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जीवन में धर्म के रंग भरते हैं गुरु : जितेंद्र मुनि

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 09:13 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 09:13 PM (IST)
जीवन में धर्म के रंग भरते हैं गुरु : जितेंद्र मुनि

जासं, लुधियाना

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सिविल लाइंस एसएस जैन स्थानक में शुक्रवार को धर्म सभा में उपाध्याय श्री जितेंद्र मुनि जी ने नवतत्वों का प्रतिपादन करते हुए अपने पूज्य गुरुदेव श्री जगदीश मुनि म. के एक श्लोक की व्याख्या की और कहा कि गुरु जीवन में धर्म के रंग भरते हैं।

उन्होंने श्लोक की व्याख्या करते हुए कहा कि घोर आश्चर्य है कि मनुष्य पापों में तो यत्नपूर्वक विचरता है और धर्म के प्रसंग समुपस्थित होने पर भी धर्म का आखण नहीं करता। वह अमृत को छोड़कर विष का ही सेवन करता है।

उन्होंने जीव तत्व व अजीव तत्व की परिभाषा व विवेचन के पश्चात पुण्य तत्व के विषय में बताया कि पुण्य के फल मीठे होते हैं। ये हमारे अनंतानंत पुण्यों का सुफल है कि हमें ऐसा सुंदर धर्म करने का सुसंयोग प्राप्त हुआ है। संसार में तरने के लिए तत्वों का ज्ञान होना परमावश्यक है।

मुनि जी ने कहा कि हमें जीवन में अणुव्रतों, गुणव्रतों व महाव्रतों को धारण करना चाहिए, जो हमारे आत्मिक सौंदर्य में अभिवृद्धि करने वाले हैं।

इस अवसर पर मानव रत्न राम कुमार जैन, विश्वा जैन (कंगारू इंडस्ट्री), महिंदर जैन (मिनी किंग), संजीव जैन (आत्म), राजन जैन (केपी), सभा प्रधान अशोक सीतल जैन, उपप्रधान अरिदमन जैन, प्रमोद जैन, संजीव जैन पाटणी, आदर जैन, फूल चंद जैन, कीमती लाल जैन रुप आत्म संघ, अजीत जैन, संतोष जैन, रोशन लाल जैन व योगेश जैन आदि उपस्थित थे।


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