डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ने मांगा जवाब तो बंद करवाए शराब ठेके
जागरण संवाददाता, लुधियाना
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद हाईवे पर खुले शराब ठेकों को बंद न करने पर जब डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर आलोक शुक्ला ने जवाब मांगा तो निगम अधिकारियों के होश उड़ गए। जो अधिकारी पहले नियम-कानून का हवाला देकर टालमटोल कर रहे थे वही अधिकारी गाज गिरने के डर से एकदम हरकत में आ गए और सोमवार को निगम जोन ए के दायरे में छावनी मोहल्ले और रेलवे स्टेशन के बाहर खुले शराब ठेके पर ताला जड़ दिया।
हाईकोर्ट के नेशनल हाईवे पर कोई शराब ठेका न खोलने के आदेश का पालन करने की जगह अफसर कागजों का हवाला देकर ना-नुकुर करते रहे। आरोप लगे कि चुनावों में किसी पार्टी विशेष के उम्मीदवार की शराब की 'पर्ची' चलती रहे, इसलिए ठेकों को बंद करने की जहमत नहीं उठाई गई। जब मामला दिल्ली से आए डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर अजय शुक्ला के पास पहुंचा तो उन्होंने डीसी से इस बाबत पूछ लिया। इसके बाद अफसरों ने निगम की जमीन पर खुले छावनी मोहल्ला व रेलवे स्टेशन के शराब ठेकों को बंद करवा दिया।
दरअसल, निगम की फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी (एमएंडसीसी) की तरफ से 6 फरवरी 2014 की बैठक में फैसला किया था कि इन शराब ठेकों को जमीन नहीं दी जाएगी, लेकिन बाद में जगह दे दी गई।
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आयोग के निशाने पर निगम कमिश्नर
नगर निगम कमिश्नर श्रुति सिंह चुनाव आयोग के निशाने पर हैं। लोकसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवार विधायक सिमरजीत सिंह बैंस चुनाव आयोग से निगम कमिश्नर की शिकायत कर चुके हैं। उन पर सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार की मदद करने के आरोप लगे हैं। कुछ दिन पूर्व कमिश्नर श्रुति सिंह ने तहबाजारी सुपरिंटेंडेंटों एक बैठक बुलाई थी, जिसमें ठेकेदारों को पुरानी जगह के साथ नई जगह अलाट करने की तैयारी थी। जब 'दैनिक जागरण' ने खुलासा किया तो कमिश्नर ने बैठक रद कर दी।
फैसला चुनाव बाद
निगम जोन ए के सुपरिटेंडेंट राजीव भारद्वाज ने कहा कि हमने दोनों शराब ठेकों पर ताला लगा दिया है। अब लोकसभा चुनाव के बाद इन पर अगला फैसला लिया जाएगा।