नोटबंदी के तीन महीने बाद भी शहर के एटीएम खाली
डॉ सुनील धीर , सुल्तानपुर लोधी : नोटबंदी से पैदा हुई समस्या के समाधान के लिए पचास दिन की मोह
डॉ सुनील धीर , सुल्तानपुर लोधी : नोटबंदी से पैदा हुई समस्या के समाधान के लिए पचास दिन की मोहलत मांगने वाले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लगभग तीन माह गुजर जाने के बाद भी जनता को कैश की किल्लत से निजात नहीं सके हैं। एतिहासिक नगरी सुल्तानपुर लोधी के लगभग बीस के करीब एटीएम के शटर या तो बंद रहते हैं या फिर एटीएम में कैश नहीं रहता है। एटीएम बंद होने से व्यापारियों व दूर-दराज से आने वाले गांवों के लोगों को कैश नहीं मिलने से खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है।
दैनिक जागरण की टीम का ओर से शनिवार को किए गए मौका मुआयना के दौरान सुल्तानपुर लोधी के लगभग सभी एटीएम कैशलेस पाए गए। कपूरथला चूंगी मार्ग पर स्थित बैंक आफ बड़ौदा का ही एक एटीएम ऐसा था जहां पर लोगों को कैश मिल रहा था। उधर, पीएनबी के तीन एटीएम बंद पाए गए। पंजाब एंड ¨सध बैंक का रेलवे रोड पर स्थित एटीएम तो खुला था मगर उसमें कैश नहीं डाला गया था। स्टेट बैंक आफ पटियाला के दोनों रेलवे रोड पर स्थित तथा आर्या समाज चौक स्थित एटीएम मशीनों की कमोबेश ऐसी ही स्थिति पाई गई। बेर साहिब रोड पर स्थित यस बैंक के एटीएम में भी कभी कभार ही कैश रहता है।
इसी मार्ग पर स्थित एक्सिस बैंक, यूको बैंक तथा भारतीय स्टेट बैंकों के एटीएम मशीनों से भले ही नियमित रूप से नकदी प्राप्त नहीं होती परंतु बैंक अधिकारियों का कहना है कि बैंक को कैश उपलब्ध होने पर ही बैंक से संबंधित एटीएम में डाल दिया जाता है। वहीं, गुरुद्वारा श्री बेर साहिब स्थित स्टेट बैंक आफ पटियाला के एटीएम में से भी कभी कभार कैश उपलब्ध हो जाता है। उधर, गांव रामपुर जगीर से ओबीसी बैंक पर कैश लेने पहुंचे एलआइसी के अधिकारी सुखपाल ¨सह ने बताया कि गत दो दिनों से वो एटीएम के चक्कर लगा रहे हैं मगर कैश न मिलने के कारण निराशा ही हाथ लग रही है ।
गांव नबीपुर से अपने रिश्तेदारों से अपने परिवार के साथ मिलने जा रहे गुर¨वदर ¨सह ने बताया कि उनको नकदी की जरूरत थी मगर कैश न मिलने के कारण परेशान होना पड़ रहा है। गांव बाई पुर मेड क्षेत्र से आए बचित्र ¨सह ने बैंक आफ बड़ौदा से कैश प्राप्त होने पर खुशी का इजहार किया। नोटबंदी के चलते पेश आ रही समस्याओं के बारे में बताते हुए मनी ट्रांसफर के काम से जुड़े व समाज सेवक अश्विनी कुमार शर्मा ने एटीएम से पर्याप्त कैश प्राप्त नहीं हो रहा तथा बैंक अधिकारी भी पर्याप्त कैश मुहैया करने में आनाकानी करते हैं।