नाड़ को आग लगाने वाले किसानों को किया जुर्माना
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी धरती को बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की सख्त हिदायतों के
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी
धरती को बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल
की सख्त हिदायतों के तहत नाड़ को आग न लगाने के लिए कृषि विभाग कपूरथला ने शुक्रवार को ब्लाक स्तर व हलका सुल्तानपुर लोधी में अलग-अलग गावों में नाड़ को आग लगाने वाले किसानों को जुर्माना किया।
इस संबंध में ब्लाक कृषि अधिकारी डॉ. पर¨मदर कुमार ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के आदेशों के अनुसार खेतों में आग लगाने वाले किसान को 2,500 से 15 हजार रुपये तक का जुर्माना करते के साथ-साथ सजा भी सुनाए जाने का प्रावधान तैयार किया गया। इस कानून को लागू करने के लिए समूह सूबे में डिप्टी कमिश्नर, एसडीएम, कृषि विभाग के अधिकारी, बीडीपीओ और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आदि की निगरानी में टीमों का गठन किया गया है। निगरानी के लिए सरकार ने नासा के साथ समझौते के तहत आग लगाने वाली स्थानों की मॉनिटरिंग की जाती है और सेटेलाइट के द्वारा पता लगने पर संबंधित किसान के खेत में जाकर मौके पर जुर्माना किया जाता है। जुर्माना न देने वाले किसान के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। उन्होंने बताया कि मॉनिटरिंग टीम की ओर से शुक्रवार को गांव बटावाली में भजन ¨सह पुत्र सेवा ¨सह और मुख्त्यार ¨सह पुत्र बचन ¨सह निवासी गांव जब्बोवाल को आग न लगाने के कड़े आदेश जारी करने के बाद भी नाड़ को आग लगाने के आरोप में क्रमवार 2,500 और 5,000 रुपये का जुर्माना किया। कृषि अधिकारी डा. पर¨मदर कुमार ने बताया कि अगर इसके बाद भी किसान द्वारा नाड़ को आग लगाई जाती है, तो फिर मामला दर्ज किया जाएगा। विभाग की ओर से बार-बार नाड़ को आग न लगाने संबंधी किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी किसान कानून की उल्लघंना कर रहे है। जिसके कारण अब विभाग ने एनबीटी और सरकार की हिदायतों के अनुसार कड़ी कार्रवाई करना शुरू कर दी है। विभाग द्वारा नाड़ को आग लगाने के बिना नई फसल की बिजाई के लिए प्रयोग करके भी दिखाए। उन्होंने किसानों को अपील की कि वह नाड़ को आग लगाने की बजाए धान की फसल की बिजाई करे और धरती को बचाने में अपना सहयोग करे। इस अवसर पर डा. जसबीर ¨सह, निर्मल ¨सह, र¨मदर ¨सह व अन्य सदस्य उपस्थित थे। इस संबंध में एसडीएम डा. चारुमिता सुल्तानपुर लोधी ने बताया कि किसान मॉनिटरिंग टीम लगातार किसानों के खेतों की निगरानी करेगी और आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।