राइट टू एजूकेशन नही, राइट एजूकेशन चाहिए : अटवाल
हरनेक ¨सह जैनपुरी, कपूरथला डॉ. अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर पीटीयू में आयोजित सेमीनार के
हरनेक ¨सह जैनपुरी, कपूरथला
डॉ. अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर पीटीयू में आयोजित सेमीनार के दौरान राइट टू एजूकेशन की बजाए अब राइट एजूकेशन की मुद्दा उभर कर सामने आया। पंजाब विधान सभा के स्पीकर चरनजीत ¨सह अटवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि पूरे देश में सीबीएसई व सरकारी स्कूलों का सिलेबस एक होना चाहिए। शिक्षा के अधिकार से भी ज्यादा सही शिक्षा की आवश्यक है ताकि पूरे देश में सभी को समान शिक्षा व समान अवसर मिल सके।
भारत के विभिन्न राज्यों एवं विश्वविद्यालयों से सेमीनार में डॉ. अंबेडकर के ईकानामिक्स डवलपमेंट वीजन के बारे में पर्चा पढ़ने के लिए बुद्धीजीवियों व विभिन्न कालेजों के विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए स्पीकर अटवाल ने कहा कि इस वक्त देश के विभिन्न राज्यों व बोर्डों का अलग-अलग सिलेबस है जिससे अब एक ही सूत्र में पिरोने का वकत आ गया है। देश में प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक तरह की शिक्षा और एक समान अवसर होना चाहिए। अटवाल ने कहा कि वह इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगततौर पर मिल कर एक्यूलेट एजूकेशन का मुद्दा उठा चुके है और उम्मीद है कि आने वाले कुछ वकत में हमारा देश एक समान शिक्षा की तरफ बढ़ रहा होगा।
विधान सभा के स्पीकर अटवाल ने बताया कि डा. अंबेदकर दलितों के नेता अथवा मसीहा नही थे बल्कि उन्होंने देश के लिए काम किया है लेकिन अफसोस ज्यादातर उन्हें एक जाति से जोड़ कर देखा जाता रहा है। आर्थिक व समाजिक क्षेत्र में डा. अंबेदकर की नीतियों को अपना कर ही देश की सही दिशा दी जा सकती है।