हिमाचल से लाई जा रही नशीली गोलियों की खेप सहित तीन गिरफ्तार
फगवाड़ा गेट पर प्रमुख दवा डिस्ट्रीब्यूटर यूनीक फार्मा का मालिक बनकर नशीली गोलियों को सप्लाई करने वाला पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : फगवाड़ा गेट पर प्रमुख दवा डिस्ट्रीब्यूटर यूनीक फार्मा का मालिक बनकर हिमाचल से नशीली दवाओं की खेप लाकर मेडिकल स्टोर्स में बेचने वाले पुनीत कपाही (31) को गिरफ्तार किया गया है। बस्ती पीर दाद के महाराजा गार्डन का पुनीत तलवंडी के सुरजीत सिंह और कुलविंदर सिंह के साथ मिलकर देहात के इलाकों में नशीली गोलियों का धंधा कर रहा था।
लोहियां पुलिस ने कुछ दिनों पहले मेडिकल स्टोर्स से नशीली गोलियां खरीदने वाले कुछ नशेड़ियों को पकड़ा था। पुलिस फिर मेडिकल स्टोर्स के मालिकों के जरिए पुनीत तक पहुंची। कुलविंदर, सुरजीत और पुनीत से कुल 36500 नशीली गोलियों की खेप बरामद हुई है। जानकारी के अनुसार फार्मा कंपनी के मालिक का नाम पुनीत ही है, आरोपी पुनीत वही है, यह पुलिस जांच का विषय है।
एसएसपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि लोहियां थाना इंचार्ज सुरिंदर कुमार ने कुछ समय पहले मेडिकल स्टोर्स से पूछताछ की थी। इसमें पूरे इलाके में नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले पुनीत कपाही का नाम सामने आया। ट्रैप लगाने के बाद पुनीत को लोहियां में मेडिकल स्टोर में सप्लाई देते वक्त शुक्रवार को पकड़ लिया गया। उससे मौके से 22800 नशीली गोलियां मिलीं। पहले उसने खुद को फगवाड़ा गेट पर दवाओं के डिस्ट्रीब्यूटर यूनीक फार्मा का मालिक बताया और सारे कागजात होने की बात कही। लेकिन जब दिखाने को कहा गया तो मुकर गया। उस पर केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
पुनीत ने कबूला कि वह हिमाचल के अंब में पैनम बायोटेक दवा कंपनी से नशीली दवाएं खरीदकर लाता था। बस्ती पीर दाद में एमएस फार्म के पास रहने वाला पुनीत कपाही से पूछताछ के बाद पुलिस की एक टीम ने माड़क बस अड्डे के पास से कपूरथला में तलवंडी चौधरियां में छन्ना मोर निवासी कुलविंदर सिंह (33) को पकड़ा। उससे 7200 नशीली गोलियां बरामद हुई है। इसी के साथ एएसआइ बलबीर सिंह ने एफसीआइ गोदाम के पास छन्ना मोर के ही सुरजीत सिंह (26) को पकड़ा। उससे 6500 नशीली गोलियां बरामद हुई हैं।
कुलविंदर आरएमपी डॉक्टर और सुरजीत उसका असिस्टेंट
पूछताछ में आया कि 12वीं पास कुलविंदर गांव में आरएमपी डॉक्टर है। नशीली गोलियां उसे पुनीत सप्लाई करता था। वहीं सुरजीत 10वीं तक पढ़ा है। वह कुलविंदर के साथ उसकी बाजा पिंड में डॉक्टरी की दुकान में बैठता है। दोनों पुनीत से खरीदकर आसपास के मेडिकल स्टोर्स में गोलियां बेचते थे।
सवाल जिनके उत्तर खोज रही पुलिस
1-अंब की पैनम बायोटेक कंपनी किसके लाइसेंस पर दवाएं बेच रही थी ?
2-अगर लाइसेंस यूनीक फार्मा का था तो क्या मालिक ही बिकवा रहे थे नशीली दवाएं?
3-12वीं पास पुनीत के पास कोई लाइसेंस या कागजात नहीं थे तो क्या कंपनी बिना कागजात के ही दवा बेच रही है?
4-बिना डॉक्टरी प्रेस्क्रिप्शन नशीली दवा बेची नहीं जा सकती तो क्या गांवों में धड़ल्ले से यूं ही नशा सप्लाई और बिक रहा है?