अब 5 जनवरी तक ले सकते हैं यूथ कांग्र्रेस की ऑनलाइन सदस्यता
यूथ कांग्रेस की आनलाइन सदस्यता अब15 दिसंबर के बजाय 5 जनवरी तक ली जा सकती है। एक-दो दिन सर्वर डाउन रहने के कारण ये फैसला लिया गया है।
जागरण संवाददता, जालंधर : यूथ कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों के लिए समय बढ़ा दिया गया है। पहले ऑनलाइन सदस्यता के लिए 15 दिसंबर तक का ही समय दिया गया था। अब यह 5 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन सर्वर डाउन रहने से कई सदस्य वंचित रह गए थे। इसी लिए पार्टी ने फैसला लिया है।
यूथ कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी ने लोकसभा या विधानसभा के स्थान पर जिला व देहात स्तर पर इकाई गठन का फैसला लिया है। इसके तहत 12 नवंबर से 12 दिसंबर तक फार्म भरकर सदस्यता दी गई थी। इसके बाद 13 से 15 दिसंबर तक ऑनलाइन सदस्यता दी जानी थी। लेकिन पहले ही दिन इसमें सर्वर डाउन बाधा बन गया। ऐसे में कई सदस्य सदस्यता हासिल नहीं कर पाए थे। यूथ कांग्रेस की दौड़ में शामिल परमजीत सिंह बल ने 3877, राजेश अग्निहोत्री ने 2300, गौरव शर्मा ने 1372 तथा अंगत दत्ता ने 750 फार्म भरवाकर अपनी उपस्थिति दर्ज की थी।
इसी तरह ऑनलाइन में फार्म भरवाने के बाद परमजीत सिंह बल ने 4700 सदस्य बनाने का दावा किया है। जबकि, अन्य सदस्य आंकड़ा बताने में असमर्थ है। इस बारे में लोकसभा हलका के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अश्विन भल्ला ने कहा कि सदस्यता हासिल करने को लेकर यूथ में भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने तिथि बढ़ाकर यूथ को खास अवसर दिया है।
लोस चुनाव में पहले की तरह भूमिका निभाएगा यूथ
लोकसभा चुनाव नववर्ष की प्रथम तिमाही में हो सकते हैं। यूथ कांग्रेस के चुनाव को लेकर अभी सदस्यता अभियान ही चलाया जा रहा है। संगठनात्मक ढांचा घोषित करने में 6 से 7 माह लग सकते है। इसके चलते आगामी लोकसभा चुनाव में यूथ की भूमिका पहले की तरह ही अदा की जाएगी। इसके तहत लोकसभा तथा विधानसभा स्तर पर बनाए गए अध्यक्ष अपनी भूमिका निभाएंगे।
हर स्तर पर तैयार है यूथ
लोकसभा हलका के यूथ प्रधान अश्विन भल्ला बताते हैं कि लोकसभा चुनाव को लेकर यूथ पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि यूथ की सदस्यता तथा चुनावों की प्रक्रिया का काम पार्टी स्तर पर जारी है। लिहाजा, लोकसभा स्तर पर व्यापक प्रचार तथा प्रचार के लिए प्रयास किए जा रहे है।
स्क्रूटनी में बाहर हो सकते है कई सदस्य
सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद स्क्रूटनी की जानी है। इसमें कई सदस्य कतार से बाहर हो सकते है। कारण, ऑनलाइन प्रक्रिया में तो तमाम औपचारिकता पूरी कर दी जाती रही है, लेकिन फार्म भरने के बाद इन्हें ऑनलाइन दर्ज करने के दौरान एक भी औपचारिकता कम होने पर फार्म को रद कर दिया जाएगा। इसके चलते अधिक से अधिक सदस्य बनाने का दावा करना वाले नेताओं की हवा निकल सकती है।