बीस दिन पहले हुई थी पिता की मौत, दो 'फरिश्तों' की मदद से जैवलिन में स्वर्ण जीत लाई मनप्रीत
दिसंबर में पिता के निधन के बाद टूट चुकी मनप्रीत कौर ने टूर्नामेंट में भाग न लेने का फैसला कर लिया था, लेकिन अब उसने पुणे में खेलो इंडिया खेलो में जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीता है।
जालंधर [कमल किशोर]। 25 दिसंबर में पिता के निधन के बाद मनप्रीत भीतर से टूट गई थी। सदमे में उसने खेलो इंडिया गेम्स में हिस्सा लेने की उम्मीद छोड़ दी थी। इसी दौरान उसके कोच सर्बजीत सिंह हैप्पी व विक्रमजीत सिंह ने उसे हौसला दिया। टूर्नामेंट में उसके भविष्य की तस्वीर भी दिखाई। उसने प्रतियोगिता के लिए जमकर अभ्यास किया और मेहनत रंग लाई। मनप्रीत ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता है। पदक ग्रहण करते समय पिता को याद कर उसके आंसू झलक पड़े। मनप्रीत ने यह पदक अपने पिता को समर्पित किया है।
दरअसल, मनप्रीत के पिता गुरचरण सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। किसान पिता की मौत के बाद मनप्रीत की आंखों के आंसू नहीं रुक रहे थे। दो जनवरी को पिता की अंतिम अरदास थी। मनप्रीत मायूस थी। कुछ दिन बाद ही यूथ गेम्स थे। ऐसे में कोच सर्बजीत सिंह हैप्पी व विक्रमजीत सिंह ने मनप्रीत को जालंधर बुलाया। उनके अनुसार अगर मनप्रीत न खेली तो यूथ गेम्स में पदक खिसक जाएगा। कोच ने मनप्रीत को समझा कर जैलविन थ्रो का अभ्यास करवाना शुरू कर दिया। उसी का नतीजा है कि एचएमवी की बीए की इस छात्रा ने यह उपलब्धि हासिल की है।
मनप्रीत जीत चुकी है कई पदक
बठिंडा की रहने वाली व एचएमवी की छात्रा मनप्रीत कौर कई पदक अपने नाम कर चुकी है। उन्होंने चार वर्ष पहले खेलना शुरू किया था। नेशनल स्कूल गेम्स में तीन बार कांस्य जीता। नॉर्थ जोन एथलेटिक्स में रजत जीता। जूनियर नेशनल एथलेटिक्स में स्वर्ण अपने नाम किया। इंटरवर्सिटी एथलेटिक्स में चौथे स्थान पर रही। अब खेलो इंडिया खेलो यूथ गेम्स में 46.36 मीटर जैवलिन फेंककर स्वर्ण पदक जीता। मनप्रीत ने कहा कि ओलंपिक में पदक जीतना उसका सपना है।
वाट्सएप पर डीपी लगा पिता को किया याद
जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने के बाद मनप्रीत कौर ने वाट्सएप पर डीपी लगाकर पिता गुरचरण सिंह को पदक समर्पित कर दिया। जब भी मनप्रीत कोई पदक जीतकर लाती थी तो पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता था।
टूर्नामेंट खेलने के लिए किया प्रेरित : कोच
कोच सर्बजीत सिंह हैप्पी व विक्रमजीत सिंह ने कहा कि पिता की मौत के बाद मनप्रीत पूरी तरह टूट चुकी थी। मनप्रीत को जालंधर बुलाया। समझाकर जैवलिन थ्रो का अभ्यास करवाया। मनप्रीत ने कड़ा अभ्यास कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।
एचएमवी करेगा हरसंभव मदद : डॉ. सरीन
एचएमवी की प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने कहा कि मनप्रीत कौर ने यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर कॉलेज का नाम रोशन किया है। मनप्रीत में कुछ कर दिखाने का जज्बा है। कई नेशनल स्तर के मुकाबले में पदक जीत चुकी है। कॉलेज की तरफ से उसकी हरसंभव सहायता की जाएगा ताकि वह शानदार खेल जारी रख सके।