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जीत लिया आसमान... इन नेताओं के Lucky Charms जानकर आप रह जाएंगे हैरान

Lok Sabha Elections 2019 में वोट पाने के लिए जहां नेताओं ने लुभावने चुनावी वादे किए वहीं नेताओं का अपने कुछ लक्की चार्म्स और टोटकों पर भी भरोसा दिखा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 09:04 AM (IST)
जीत लिया आसमान... इन नेताओं के Lucky Charms जानकर आप रह जाएंगे हैरान
जीत लिया आसमान... इन नेताओं के Lucky Charms जानकर आप रह जाएंगे हैरान

जेएनएन, जालंधर। चुनावी महासमर में इस बार पंजाब की सियासत खूब गरमाई रही। एक ओर देश में मोदी सुुनामी चली तो दूसरी ओर पंजाब में कांग्रेस का दबदबा रहा। ऐसे में जनता से वोट पाने के लिए जहां नेताओं ने लुभावने चुनावी वादे किए, वहीं नेताओं का अपने कुछ लक्की चार्म्स और टोटकों पर भी भरोसा दिखा। आखिर किस नेता को कौन-सी आस्था ले गई जीत की ओर... आइए जानें।

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कैप्टन का हर रण में दिखा कैप्टन का जैकेट प्रेम

जीत या हार की पहली जिम्मेदारी पार्टी प्रमुख की होती है, इसलिए वह विजयी होने के लिए कोई भी टोटका अपनाने से पीछे नहीं रहते। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी 24 अप्रैल से लेकर 17 मई तक पंजाब में हुई रैलियों के दौरान क्रीम (हल्के बेज) रंग की जैकेट पहने रखी। गर्मी में भी जैकेट प्रेम के बारे में कहा जा रहा है वह जैकेट उनके लिए लक्की साबित हुई है।

इस बात की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब रही कि इतनी गर्मी के बावजूद वे रैलियों में जैकेट पहने नजर आए। जैकेट के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि कैप्टन यह रंग व डिजाइन काफी पसंद करते हैं। एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि किसी पंडित ने उन्हें जीत सुनिश्चित करने के लिए इस जैकेट को पहनने को कहा है। वे विभिन्न रैलियों के अलावा पटियाला में 19 मई को चुनाव के दिन वोट डालने के समय भी अधिक जेबों वाली जैकेट ही पहने दिखाई दिए।

रैलियों के दौरान गर्मी भी अच्छी-खासी रही और रैलियों का आयोजन हुआ भी खुले मैदानों में धूप में, लेकिन उनका जैकेट प्रेम दिखाई दिया। उनके करीबी कहते है कि यह जैकेट जहां वो सुरक्षा कारणों से वे पहनते हैं वहीं यह भी कहा जा रहा है जैकेट की अधिक जेबें हैं तो मुख्यमंत्री के मोबाइल फोन व दवाइयां उनमें आसानी से रखी रहती हैं ।

जिम के जुनून से जीत के मुहाने तक पहुंचे सनी देयोल

पंजाबी पुत्तर सनी देयोल शुरू से ही फिल्मी दुनिया से जुड़े रहे। चुनाव के तनाव से पहली बार उन्हें रूबरू होना पड़ा। एक ओर गर्मी के साथ-साथ लगातार चुनाव प्रचार के स्ट्रेस को हराना था तो दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ को। ऐसे में खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए उन्होंने कसरत का सहारा लिया। फिटनेस के लिए रोज़ाना जिम में लंबा समय बिताने वाले सनी देयोल मुंबई से ही अपना जिम का तामझाम साथ लेकर निकले थे और यहां नियमित रूप से एक जुनून की तरह जिम करते रहे।

उनका कहना है कि इससे एक ओर वह चुस्त-दुरुस्त रहे तो दूसरी ओर पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती रही। प्रचार खत्म होने पर सनी कुछ दिन के लिए मनाली गए। तब भी एक विशेष गाड़ी में उनका पूरा जिम का सामान साथ गया और वहां भी उन्होंने अपना नियम कायम रखा। जिम के इसी जुनून ने उन्हें बिना थके लोगों के बीच प्रचार करके जीत तक पहुंचा दिया।

सिर पर सदा गुरु जी का रहा हाथ

शिअद नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस चुनाव में अपनी टेक गुटका साहिब पर रखी। उन्होंने अपने घर में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया हुआ है। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान वह सुबह कैंपेन पर निकलने से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब को माथा टेकती थी। नित्तनेम का गुटका साहिब वह अपने साथ गाड़ी में रखा करती थी। गांव बादल से बठिंडा पहुंचते समय वह रास्ते में भी पाठ ही करती थीं।

हरसिमरत कौर बादल का कहना है कि पाठ करना उनकी रूटीन ही है। उनकी गाड़ी में हमेशा ही गुटका साहिब रहता है। उन्होंने कहा कि उनकी गुरुओं की बाणी में पूरी आस्था है। उनका कहना है कि जपुजी साहिब से लेकर सुखमणि साहिब व रहरास साहिब का पाठ वह हर रोज करती हैं, जिससे मन को शांति मिलती है, लोगों की सेवा करने का बल मिलता है और विनम्रता भाव भी आता है। अत्यधिक व्यस्तता में भी मैंने पाठ का नागा नहीं पड़ने दिया, शायद इसीने जीत दिलाई।

जड़ों से जुड़ाव, जोक्स बने जीत का मंत्र

आम आदमी पार्टी के एकमात्र विजेता भगवंत मान का देसी स्टाइल व जड़ों से जुड़ाव उन्हें लोकप्रिय नेता बनाता है। कॉमेडी स्टार रह चुके भगवंत मान अपनी मजेदार बातों से और साधारण लोगों से जुड़े लतीफों से जनता को लुभाने में सफल रहे और यही बना उनकी जीत का मंत्र।

आस्था ने दिखाया जीत का रास्ता

लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की विशेषता यह है कि वह ईश्वर के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। यही कारण है कि किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले वह तैयार होकर पाठ करना नहीं भूलते। वह सभी धर्मों के पूजा स्थलों पर हमेशा माथा टेकते हैं। उनका कहना है कि वह जो कुछ भी हैं, ईश्वर की कृपा से ही हैं। इसे आप टोटका कह लें या फिर धर्मों का सम्मान, लेकिन वह कोई भी बड़ा काम करने से पहले पूजा जरूर करते हैं।

बकौल बिट्टू, इसी विश्वास से उन्हें एक बड़ी ताकत मिलती रही है और वह पूरे उत्साह के साथ आगे भी काम करते रहेंगे। कहते हैं कि वह इसी तरह से पूजा पाठ में विश्वास रखते रहे हैं और अब सांसद बनने के बाद भी यही आस्था जारी रहेगी।

पीली साड़ी से पूरे हुए ख्वाब सुनहरे

चंडीगढ़ से दूसरी बार चुनाव जीतने वाली किरण खेर 14 मई को मोदी की रैली में शामिल हुई थीं। इस रैली में खेर अपने लक्की रंग की साड़ी पहनी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब किरण खेर को उम्मीदवार बनाया गया था तब भी जब मोदी ने सेक्टर-34 के रैली की थी तो खेर ने पीली साड़ी ही पहनी थी।

कई समर्थक तो यह भी कह रहे थे कि यह वही साड़ी है, जो उन्होंने पिछले चुनाव प्रचार के दौरान रैली ग्राउंड में पहनी थी। खेर ने अपने ट्वीटर अकाउंट में भी जो तस्वीर पीएम मोदी के साथ लगाई हुई है उसमे भी उन्होंने वही पीली साड़ी पहनी हुई है। किरण खेर इसे अपनी लक्की साड़ी मानती हैं। अब देखना यह है कि क्या वह संसद में भी इसी साड़ी में पहुंचेंगी।

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