रखें अपना खास ध्यान, तपती गर्मी में डेंगू का मच्छर हुआ और बलवान, बदल रहा अपनी प्रकृति
आम ताैर पर 30 डिग्री तापमान पर डेंगू के मच्छर खत्म हो जाते हैं लेकिन अब वे अपनी प्रकृति बदल रहे हैं। तपती गर्मी और 44 डिग्री से अधिक के तापमान में भी वे कहर ढा़ रहे हैं।
जालंधर, [जगदीश कुमार]। सावधान हो जाएं और अपना ठीेक से ध्यान रखें, क्योंकि डेंगू के मच्छर अपनी प्रकृति बदल रहे हैं। अब तक 30 डिग्री सेल्सियस पर खत्म हो जाने वाले मच्छर भीषण गर्मी में भी कहर ढ़ा रहे हैं। पंजाब में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस व उससे ऊपर पहुंच चुका है और आसमान से आग बरस रही है। इस गर्मी में लोगों का बाहर निकलना तक मुश्किल है, लेकिन डेंगू का मच्छर इस गर्मी में और भी तगड़ा (बलवान) हो गया है। इस तापमान में भी ये मच्छर लोगों को डंक मार रहे हैं।
बरनाला के गांव खुड़ी चीमा में किया वार, 24 को बनाया शिकार, पंजाब में डेंगू पीडि़तों की संख्या 29 हुई
बरनाला के गांव खुड़ी चीमा में 24 लोगों को डंक मारकर बिस्तर पर लिटा दिया है। पंजाब में इस सीजन में मरीजों की संख्या 29 तक पहुंच गई है। सेहत विभाग लोगों में जागरूकता के अभाव को डेंगू के डंक का जिम्मेवार ठहरा रहा है। बरनाला में डेंगू के हमले के बाद सेहत विभाग की नींद उड़ गई है।
बरनाला के सिविल सर्जन डॉ. जुगल किशोर भगत का कहना है कि गांव खुड़ी चीमा में 24 मरीजों को डेंगू बुखार होने की पुष्टि हुई है। टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। टीमों को घरों के अंदर कूलरों व बर्तनों में भी डेंगू का लारवा मिला है। एक बुजुर्ग के घर में पानी के गिलास में डेंगू का लार्वा मिला और उसे तुरंत नष्ट करवा दिया गया। मरीजों को इलाज की तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं और स्थिति कंट्रोल में है। किसी भी मरीज को हेमरेजिक डेंगू होने का मामला सामने नहीं आया है। टीमें लगातार प्रभावित इलाके के अलावा अन्य संदिग्ध इलाकों में भी दौरा कर रही हैं।
महकमे में हड़कंप, सेहत डायरेक्टर ने भेजी टीम
सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. जसपाल कौर ने बताया कि बरनाला में डेंगू के मरीजों के रिपोर्ट होने की सूचना मिलने के बाद स्टेट एपीडिमोलाजिस्ट डॉ. अनु चोपड़ा की अगुवाई में टीम मौके पर भेज दी गई थी। स्थिति काबू में है और युद्ध स्तर पर लार्वा ढूंढकर खत्म करने व मरीजों के इलाज पर काम चल रहा है। डॉ. अनु चोपड़ा का कहना है कि इस सीजन में गांव स्तर पर डेंगू के एक साथ 24 मरीज रिपोर्ट होने का मामला पहली बार सामने आया है। टीमों ने प्रभावित इलाकों में सर्वे कर मरीजों का इलाज व डेंगू का लार्वा नष्ट कर दिया है। राज्य भर में लोगों को डेंगू से बचाव संबंधी जागरूकता मुहिम बड़े स्तर पर की जाएगी।
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मच्छर ने गर्मी को दी मात, बारिश और घरों में कूलरों से बढ़ा खतरा
जिला एपीडिमोलाजिस्ट डॉ. सतीश कुमार का कहना है कि मच्छर को पनपने के लिए 22-31 डिग्री सेल्सियस तापमान और 60 फीसद से अधिक ह्यूमिडिटी पर्याप्त है। इन दिनों खुले आसमान के नीचे तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और ह्यूमिडिटी 40 फीसद के करीब है जोकि मच्छर के लिए खतरनाक है। इसके बावजूद घरों के अंदर खासकर जहां पानी डालकर कूलर चलते हैं, वहां मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल तापमान और ह्यूमिडिटी मिल जाती है। नतीजतन इन दिनों राज्य के ज्यादातर जिलों में डेंगू का लार्वा मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि लोगों को सप्ताह में एक दिन कूलर को खाली कर अच्छी तरह से सुखाना चाहिए।
डेंगू के मरीज
साल मरीज मौतें
2010 4012 15
2011 3921 33
2012 770 --
2013 4117 25
2014 472 8
2015 14149 28
2016 10475 15
2017 15398 18
2018 15009 18
2019 29 00
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