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जालंधर को Smart City बनाने के लिए नहीं दिख रहा स्मार्ट वर्क

जालंधर को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना में जुटे अधिकारी स्मार्ट वर्क नहीं दिखा रहे हैं, जिस वजह से सारा काम लटका हुआ है।

By Sat PaulEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:06 AM (IST)
जालंधर को Smart City बनाने के लिए नहीं दिख रहा स्मार्ट वर्क
जालंधर को Smart City बनाने के लिए नहीं दिख रहा स्मार्ट वर्क

जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अधिकारी और सरकार स्मार्ट वर्क नहीं दिखा रहे हैं। स्मार्ट सिटी योजना की कमान संभालने वाले अधिकारी और सरकार पिछले 11 महीनों में अपने कामकाज में स्मार्टनेस दिखाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। इस साल 6 जनवरी को सांसद चौधरी संतोख सिंह की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बैठक में फैसला लिया गया था कि रूफ टॉप सोलर प्लांट, सीएनजी ऑटो, स्मार्ट पार्किंग जैसी कुछ योजनाएं छह महीने में जमीन में दिखने लगेंगी। हकीकत ये है कि इस फैसले के 10 महीने सात दिन बीतने के बावजूद एक भी योजना का टेंडर तक नहीं डल सका है।

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केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना को गति देने के लिए पिछले साल दिसंबर महीने में जालंधर, अमृतसर व लुधियाना के लिए 600 करोड़ रुपये जारी कर दिए थे, जिनमें से 200 करोड़ की राशि जालंधर को मिलनी थी। इस राशि में से पंजाब सरकार ने जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि 30 जनवरी को उस समय रिलीज की थी। जब 31 जनवरी को दिल्ली में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर बैठक बुलाई गई थी, ताकि दिल्ली की बैठक में सरकार से कह सके कि उनसे शहरों को पैसे रिलीज करने शुरू कर दिए। उसके बाद आज तक 11 महीने बीत चुके हैं, शेष राशि में से फूटी कौड़ी भी सरकार ने रिलीज नहीं की है।

कब-कब क्या हुए फैसले

6 जनवरी: सांसद की अध्यक्षता में छह महीने में काम जमीन पर उतारने का दावा

9 जनवरी: स्मार्ट सिटी योजना की बैठक डीसी की अध्यक्षता में काम की समीक्षा

17 जनवरी: बैठक में कनवर्टेवल स्टेडियम की योजना तैयार कर टीम गुजरात भेजने का फैसला

22 जनवरी:  गुजरात से भी बेहतर कनवर्टेवल स्टेडियम जालंधर में बनाने का ऐलान

6 फरवरी: कनवर्टेवल स्टेडियम बनाने वाली ट्रांस इंडिया कंपनी का जालंधर दौरा

12 फरवरी: मेयर पहली बार बैठक में शामिल हुए।

तब से लेकर अब तक सिर्फ बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन एक भी योजना का टैंडर तक नहीं हो सका है।

क्या कहते हैं अधिकारी

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ विशेष सारंगल ने बताया कि रूफ टॉप सोलार सिस्टम के लिए जल्द ही टैंडर जारी होगा। टैंडर होते ही योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। अन्य योजनाओं पर भी काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी योजना में अभी तक 50 करोड़ की राशि मिली है। बाकी राशि भी काम शुरू होने के साथ मिल जाएगी।

ये होना था पहले चरण में

छह जनवरी की बैठक के फैसले के अनुसार सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाने, बारिश का पानी रीचार्ज करने के लिए रीचार्ज सिस्टम विकसित करने, वायु प्रदूषण रोकने को डीजल ऑटो को पूरी तरह शहर में बंद कर सीएनजी ऑटो में बदलने का फैसला लिया था। ये काम छह महीने में जमीन पर दिखने का दावा किया था।

कांग्रेस विधायकों ने किया कायापलट का दावा

कांग्रेस के विधायक परगट सिंह, सुशील कुमार रिंकू, बावा हैनरी व राजिंदर बेरी ने मंगलवार को संयुक्त बयान में दावा किया है कि स्मार्ट सिटी योजना शहर को योजनाबद्ध ढंग से विकसित करने में मददगार साबित होगी। इस योजना के तहत शहर के लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेंगी। विधायकों ने कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शहर के चहुंमुखी विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने शहर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत विकास की गति को तेजी से आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में होने वाला विकास मील का पत्थर साबित हो। इस योजना के तहत पूरे शहर की कायाकल्प होगी।


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