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अद्भुत सेवाः लोगों को भूखा देखा तो शुरू की मुहिम, 111 दिन से लगातार जारी है लंगर

पंजाब के जालंधर में हरदीप सिंह ने अपने ढाबे के कारीगरों को ही जब कोरोना लॉकडाउन में भूखा देखा तो लंगर सेवा शुरू कर दी जो 26 मार्च से अब तक जारी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 05:42 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 05:42 PM (IST)
अद्भुत सेवाः लोगों को भूखा देखा तो शुरू की मुहिम, 111 दिन से लगातार जारी है लंगर
अद्भुत सेवाः लोगों को भूखा देखा तो शुरू की मुहिम, 111 दिन से लगातार जारी है लंगर

जालंधर [मनीष शर्मा]। कोरोना वायरस लॉकडाउन में दूसरों के लिए खाना पकाने वाले ढाबे के कारीगरों को ही भूखा देखा तो उनकी मदद से ही अनोखा लंगर लगा दिया और फिर भूखे लोगों का पेट भरना शुरू कर दिया। करीब 111 दिनों से यह लंगर बस स्टैंड के नजदीक फ्लाईओवर के नीचे चल रहा है। जिसे पंजाब दिल्ली टैक्सी स्टैंड के हरदीप सिंह राजू आसपास के दुकानदारों की मदद से लगातार चला रहे हैं।

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हरदीप सिंह रोजाना करीब 500 लोगों को भरपेट खाना खिला रहे हैं। खास बात यह है कि इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई खतरा न रहे, इसके लिए भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। उनकी यह नेक पहल देख दूसरे टैक्सी ड्राइवरों के साथ आसपास के मार्केट के दुकानदार और एनआरआइ भी जुड़ गए और कोरोना वायरस के चलते खाने से महरूम लोगों का पेट भरना शुरू कर दिया।

हरदीप राजू बताते हैं कि जब 23 मार्च को कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन हुआ तो बाकी लोगों की तरह वह भी घर में रहकर इसका पालन करने लगे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि उनके बगल में एक ढाबा लॉकडाउन की वजह से बंद हो गया और वहां काम करने वाले कारीगरों के पास खाने की समस्या हो गई। उन्होंने सोचा कि इनको खाना उपलब्ध नहीं हो रहा है तो शहर में ऐसे कई लोग होंगे, जिनको खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा होगा। खासकर लॉकडाउन के हालात में जबकि सारे काम-धंधे बंद पड़े हुए हैं।

उन्होंने ढाबे में काम करने वाले हलवाई और दूसरे कर्मचारियों से बात की और कहा कि वह उनके साथ मिलकर लंगर लगाना चाहते हैं, जिसमें खाना उन लोगों को पकाना होगा, इसके बदले तीनों समय उन्हें भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाएगा। हरदीप राजू कहते हैं कि वह सभी तैयार हो गए और 26 मार्च से फ्लाईओवर के नीचे हमने यह लंगर शुरू कर दिया। पहले तीन टाइम खाना उपलब्ध करवाते थे, जिसमें सुबह चाय और ब्रेड देते हैं और उसके बाद रोटी दाल आदि उपलब्ध कराई जाती है।

उन्होंने कहा कि 20 लोग ऐसे हैं जो हर वक्त लंगर में सेवा देते हैं। इसके अलावा अप्रत्यक्ष तरीके से भी लोगों की मदद उन्हें इस नेक काम में मिल रही है। उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन हट गया तो तब उन्होंने दिन के समय ही लंगर को जारी रखा है क्योंकि अब लोगों को कामकाज मिलने लगा है। हरदीप राजू ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ही जब सरकार लोगों को उनके घर भेजने लगी तो ढाबे के कर्मचारी भी घर लौट गए, लेकिन फिर इस सेवा में उनका परिवार भी जुट गया और अब यह सेवा लगातार जारी है।

पैसा नहीं लेते सिर्फ सामान

हरदीप राजू ने कहा कि लंगर पर अभी तक करीब 16 लाख का खर्च हो चुका है, जिसके उनके पास बिल भी रखे हुए हैं, लेकिन वह और उनके साथी किसी से भी कैश कोई नहीं लेते। अगर किसी को मदद करनी हो तो वह सीधे सामान खरीद कर दे देता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए मार्केट में ही कुछ दुकानों के साथ तालमेल किया गया है, जहां से उनका नियमित तौर पर सामान आता है। अगर कोई उन्हें मदद के लिए कहता है तो वह उसे कहते हैं कि उक्त दुकान में अपनी इच्छा से पेमेंट कर दें और फिर उतना सामान वह ले आते हैं।

कोरोना से रख रहे बचाव

हरदीप राजू और उनके साथी दिलविंदर सिंह चाचा ने बताया कि इस लंगर के दौरान कोरोना संक्रमण का खतरा न हो इसके लिए भी पूरा ध्यान रखा जाता है। लंगर हाल को रोजाना सुबह सैनिटाइज किया जाता है, ताकि खाने के साथ कोरोना संक्रमण का कोई खतरा न रहे। इसके बाद जो भी खाना खाने आता है उसके हाथ पहले सैनिटाइज कराए जाते हैं। लंगर के लिए जब लोगों को बिठाया जाता है तो भी उनके बीच शारीरिक दूरी रखी जाती है। लंगर बांटने वाले सभी लोग भी मास्क पहन कर रखते हैं।

फेसबुक के जरिए काम आई अपील

लॉकडाउन के वक्त जब लोगों को घर से बाहर आने जाने की मनाही थी तो ऐसे वक्त में भूखे लोगों को खाना खिलाने के लिए मदद की भी जरूरत थी। इसके लिए हरदीप राजू और उनके साथियों ने फेसबुक को जरिया बनाया। उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए अपनी सेवा दिखाई और लोगों से अपील की कि अगर कोई ऐसे वक्त में उनकी मदद करना चाहता है तो सहयोग कर सकता है। फेसबुक के जरिए शहर के अन्य लोगों के साथ विदेशों में रह रहे पंजाबी भी उनके साथ जुड़े और इस कोशिश को कामयाब बनाया।


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