यूं ही नहीं बन गया कैलिफोर्निया 'वालनट किंग', बिना हाथ लगाए बाजार तक पहुंचता है अखरोट
कैलिफोर्निया में लोगों ने इसके महत्व को समझा है। इसलिए इसकी बागवानी को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कैलिफोर्निया का अखरोट आज दुनिया में राज कर रहा है।
विजय गुप्ता, सैन फ्रांसिस्को। कैलिफोर्निया ऐसे ही दुनिया का वालनट किंग नहीं बन गया। यहां अखरोट की बागवानी कितने आधुनिक ढंग से की जा रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पेड़ों से तोड़ने, एकत्र करने, धुलाई, सुखाने और ग्रेडिंग-पैकेजिंग तक में अखरोट को हाथ नहीं लगाया जाता है। यह सारा काम मशीनों से किया जा रहा है।
अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में अखरोट के बड़े-बड़े बागान हैं। यहां इनकी खेती कॉमर्शियल स्तर पर होती है।
रंग, आकार, स्वाद में गिरी उम्दा, इसलिए कर रहा विश्व भर में राज
अखरोट के बाग वहां करीब चार दशकों से लगातार लगााए जा रहे हैं। नई किस्में इजाद की जा चुकी हैं जो बेहतर रंग, आकार, स्वाद व टेक्सचर के अखरोट दे रही हैं। कैलिफोर्निया वालनट कमीशन दावा करता है कि क्वालिटी वेरायटी के पौधे तैयार करने से लेकर उन्हें लगाने और उन्हें रोगों से बचाने के लिए लगातार शोध किए जा रहे हैं। दुनिया में सबसे बेहतर क्वालटी प्रोडक्ट देने के लिेए ऐसे प्रोसेसिंग प्लांट लगाए गए हैं जहां यह तय किया जा रहा है कि अखरोट तोड़ने से लेकर उसकी गिरी निकालने तक सही तापमान, नमी इत्यादि बरकरार रहे।
अखरोट के पेड़ पर लगे अखरोट कुछ इस तरह दिखते हैं।
तुड़ाई के लिए अलग-अलग मशीनों का इस्तेमाल
कैलिफोर्निया ने अखरोट के बाग व्यवस्थित तरीके से लगाए हैं। उनकी लगातार देखभाल की जाती है। बीमारियों से मुक्त उत्तम क्वालिटी के पेड़ों के पनपने की कोशिश लगातार जारी है। वहां पेड़ों की ड्वार्फ वैरायिटी तैयार की गई है। समतल बाग में पेड़ एक लाइन में लगाए जाते हैं। इससे मशीनों द्वारा तुड़ाई में आसानी रहती है। तुड़ाई दो तरह की मशीनों से की जाती है। एक तो मशीन से पेड़ को हिलाया जाता है जिससे अखरोट नीचे गिर जाते हैं फिर उन्हें मशीन से पहले कतार में जमा किया जाता है फिर मशीन से उसे उठा लिया जाता है। जो फल पेड़ हिलाने से नहीं झड़ते उन्हें मशीनों के जरिये पेड़ की शाखाओं से ही तोड़ा जाता है।
पेड़ों को मशीन की मदद से हिलाकर अखरोट जमीन पर गिरा लिए जाते हैं। जो अखरोट पेड़ पर ही लगे रह जाते हैं उन्हें भी मशीन की मदद से तोड़ लिया जाता है।
नीचे गिरे अखरोटों को स्पीविंग मशीन की मदद से एकत्र कर लिया जाता है। यहां से इन्हें प्रोसेसिंग यूनिट में ले जाया जाता है।
प्रोसेसिंग प्लांट में पहुंचाने के बाद इनकी धुलाई, ग्रेडिंग आदि की जाती है।
प्रोसेसिंग प्लांट में सबसे पहले अखरोटों की धुलाई की जाती है।
इसके बाद ग्रेडिंग की जाती है।
अंत में इन्हें सुखाया जाता है। आगे गिरी अलग करने और पैकिंग के लिए दूसरे प्लांट में भेजा जाता है।
सारे अखरोटों को एकत्र कर प्रोसेसिंग यूनिट में ले जाकर सबसे पहले उनकी धुलाई होती है, फिर ग्रेडिंग, और तब उन्हें सुखाया जाता है। सुखाए गए अखरोटों को आगे तोड़ने, गिरी अलग करने और उसकी पैकिंग करने के लिए दूसरे प्लांट में ले जाया जाता है।
आधुनिक प्लांट, सेहत सुरक्षा के कड़े प्रबंध
सैक्रामेंटो वैली में ही जहां प्लांट हैं वहां साफ-सफाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी मानकों का खास खयाल रखा जाता है। हर किसी को भीतर जाने की अनुमति नहीं है। अंदर जाने वालों को बाकायदा एप्रन इत्यादि पहनकर जाना पड़ता है। अत्याधुनिक मशीनों से अखरोट को तोड़ा जाता है, उसकी गिरी निकाली जाती है। गिरी को उसके आकार के हिसाब से अलग किया जाता है। उसकी पैकिंग बड़े डिब्बों में की जाती है। इसके बाद इन्हें मार्केटिंग के लिए भेजा जाता है।
4800 किसानों और 800 हैंडलर्स को साथ जोड़ा
कारपोरेट फार्मिग का नतीजा है कि किसान हर तरह से लाभान्वित हो रहे हैं। कमीशन की सीनियर मार्केटिंग डायरेक्टर पामेला ग्रेविएट का कहना है कि नई तकनीकों, पौधों की वेरायटी और कीटनाशकों इत्यादि का लाभ सभी किसानों को बराबर मिलता है क्योंकि यहां वालनट कमीशन के साथ सभी को जुड़ना अनिवार्य है। वही उनकी मार्केटिंग इत्यादि भी करता है। आज कमीशन के साथ 4800 किसान जुड़े हैं और आठ सौ हैंडलर्स हैं। कैलिफोर्निया न केवल उच्चस्तरीय गिरी व पूरे अखरोट का निर्यात कर रहा है बल्कि उससे कई प्रोडक्ट भी तैयार कर रहा है। अखरोट की गिरी को ही कई तरह से प्रोसेस कर बाजार में आकर्षक पैकेजिंग में उतारा गया है। इसमें ओरेंज फ्लेवर, चाकलेट फ्लेवर, रोस्टेड, एपल फ्लेवर, वालनट कुकीज, वालनट केक इत्यादि शामिल हैं।
वालनट मिल्क और बटर भी हो रहा तैयार
वालनट कमीशन की हेल्थ डायरेक्टर कैरोल स्लोन कहती हैं कि हमने स्वास्थ्य मानकों को पूरा ध्यान रखा है। वालनट मिल्क और बटर भी तैयार किया जा रहा है। यह सेहत के लिए फायदेमंद है इसलिए इसकी प्रोसेसिंग उतनी ही सावधानी व उच्च तकनीक से करने की जरूरत है। उनका कहना है कि अखरोट का किसी भी तरह से सेवन फायदेमंद होता है।
अखरोट का दवाओं में भी इस्तेमाल
हम भारत के आयुर्वेद मंत्रालय से भी संपर्क कर उन्हें यह बताना चाहते हैं कि अखरोट को कैसे विभिन्न तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके तेल के भी कई फायदे हैं। कैलिफोर्निया में लोगों ने इसके महत्व को समझा है। इसलिए इसकी बागवानी को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसका नतीजा सामने है। आज हमारा अखरोट दुनिया में राज कर रहा है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें