अर्जुन अवार्डी एसपी नरिंदर ने जालंधर में खुदकुशी की
पांचवीं इंडियन रिजर्व बटालियन में तैनात एसपी रैंक के अधिकारी असिस्टेंट कमांडेंट अर्जुन अवार्डी नरिंदर सिंह ने शुक्रवार रात अात्महत्या कर ली। वह फिलहाल निलंबित थे और बताया जाता है कि इसी वजह से परेशान थे।
संवाद सहयोगी, जालंधर। पजाब आर्म्ड फोर्स (पीएपी) परिसर में शुक्रवार देर रात पांचवीं इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) में तैनात एसपी रैंक के अधिकारी असिस्टेंट कमांडेंट अर्जुन अवार्डी नरिंदर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। एडीसीपी-1 जे इलनचेलियन ने कहा कि पहली नजर में यह आत्महत्या लगती है, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
जूडो खिलाड़ी नरिंदर सिंह को 1998 में मिला था अर्जुन अवार्ड
नरिंदर का शव पंखे से लटकता मिला है। जूडो में शानदार प्रदर्शन करने वाले नरिंदर 1998 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हुए थे। कुछ समय पहले उनको निलंबित कर दिया गया था। तब से परेशान चल रहे थे। मूल रूप से हिसार (हरियाणा) के रहने वाले नरिंदर का परिवार आजकल दिल्ली में शिफ्ट हो गया है।
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बताया जाता है कि नरिंदर शुक्रवार को पीएपी कांप्लेक्स स्थित अपने निवास में पहुंचे थे। देर रात तक बाहर नहीं निकले तो निवास पर तैनात स्टाफ ने दरवाजा खटखटाया। जवाब न मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया तो वह अंदर मृत मिले। बताया जा रहा है कि नरिंदर सिंह ने अपनी बहाली न होने से परेशान होकर जान दी है।
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घटना की सूचना मिलते ही एडीजीपी संजीव कालड़ा व आइजी एलके यादव मौके पर पहुंचे। इसके बाद एडीसीपी-1 जे इलनचेलियन व थाना रामामंडी की पुलिस भी मौके पर पहुंची। जानकारी के मुताबिक इससे पहले अमृतसर में डीएसपी रहने के दौरान नरिंदर पर एक महिला कांस्टेबल ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
बताया जा रहा है कि दिल्ली में भी उन पर कोई केस चल रहा है। पीएपी में भी किसी विवाद को लेकर वे निलंबित किए गए थे। उनका शव अपने कमरे में मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है। देर रात तक पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी। इसी बीच डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने एडीजीपी संजीव कालड़ा को गहन जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
संदिग्ध हालात में मौत हुई : सीपी
पुलिस कमिश्नर युरिंदर सिंह हेअर साफ-साफ कुछ भी कहने से बचते रहे। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि नरिंदर सिंह की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत के बाद उन्होंने एडीसीपी-1 को मौके पर भेज दिया है। अब वे ही बता पाएंगे कि सारा मामला क्या है। जब उनसे फिर पूछा गया कि क्या अभी तक उन्होंने शुरुआती रिपोर्ट भी आपको नहीं दी तो वे बात को टाल गए।
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